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'चांदनी' ने आखिरकार दे ही दिया हकीकत में 'सदमा', श्रीदेवी के करीबी ने खोला अहम राज

श्रीदेवी ने तमिलानाडु की पूर्व सीएम और अभिनेत्री जे. जयललिता के साथ भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट भी काम किया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 28 Feb 2018 09:51 AM (IST)
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'चांदनी' ने आखिरकार दे ही दिया हकीकत में 'सदमा', श्रीदेवी के करीबी ने खोला अहम राज

नोएडा (जेएनएन)। 'चांदनी' और 'सदमा' जैसी तमाम फिल्मों में अपने संजीदा अभिनय से सिने प्रेमियों के दिल में जगह बनाने वाली श्रीदेवी ने आखिरकार हकीकत में सदमा दे दिया है। बॉलीवुड की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी का शनिवार देर रात दुबई में दिल का दौरान पड़ने की वजह से निधन हो गया। श्रीदेवी, पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी के साथ एक पारिवारिक शादी में शिरकत करने के लिए दुबई आयीं थी। श्रीदेवी की अचानक हुई मौत से पूरा देश भी सकते में हैं।

उनकी करीबी रिश्तेदार के मुताबिक, वह निजी जिंदगी में बेहद रिजर्व रहती थीं। उन्हें हर व्यक्ति से बात करना पसंद नहीं था, लेकिन एक बार जिससे दोस्ती हुई तो वह हमेशा के लिए मुकम्मल हो जाती।

श्रीदेवी शूटिंग के दौरान सेट पर भी खामोश रहती थीं। स्कि्रप्ट पढ़तीं या फिर वैनिटी वैन में समय गुजारतीं, लेकिन जैसे ही शूटिंग शुरू होती वह किरदार में यूं ढल जातीं जैसे अब तक उस किरदार को ही जी रही हों। वह बचपन से ही फिल्मों में काम कर रही है। उन्होंने तमिलानाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेत्री जे. जयललिता के साथ भी बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया है। 

उनके करीबी रिश्तेदार और नोएडा (फिल्म सिटी) के मारवाह स्टूडियो के संस्थापक संदीप मारवाह कहते हैं कि श्रीदेवी भले ही रिजर्व थीं, लेकिन एक बार जिससे घुल मिल जातीं उसे अपना बना लेतीं। यही उनकी खूबी थी। वह चार-पांच बार नोएडा आईं और हर बार इस शहर की खुले दिल से तारीफ की। वह कहती थीं कि जिस तरह मुंबई ने हर वर्ग के लोगों को अपनी गोद में जगह दी, उसी तरह नोएडा में सबको पनाह मिली।

शिक्षा में संस्कार की थीं हिमायती

श्रीदेवी शिक्षा में संस्कारों की हिमायती थीं। वह जब भी नोएडा के मारवाह स्टूडियो आतीं, संचालकों को पठन-पाठन के साथ-साथ छात्रों में संस्कारों की पौध रोपने की ताकीद भी देतीं थीं। मारवाह स्टूडियो के मीडिया समन्वयक सुनील पाराशर कहते हैं कि श्रीदेवी का मानना था कि तरक्की और ऊंचाई हासिल करने के लिए संस्कार बहुत जरूरी है। वह छात्रों को इसके लिए हमेशा प्रोत्साहित करती थीं।

श्रीदेवी के करीबी संदीप मारवाह ने कहा कि वह बेहद संजीदा अभिनेत्री थीं। उनका इस तरह जाना एक शून्य पैदा कर गया। इस शून्य को कभी कोई भर नहीं पाएगा। विनम्र श्रद्धांजलि।

सहेली की मौत की खबर सुन हेमामालिनी मुंबई रवाना

उधर, यूपी के मथुरा से अपनी सहेली श्रीदेवी की मौत की खबर से आहत भाजपा सांसद हेमामालिनी मथुरा से दिल्ली गई और वहां से मुंबई चली गईं। रसोत्सव कार्यक्रम के निर्देशन के लिए मुंबई से आए नारायण अग्रवाल ने बताया कि हेमामालिनी की मुंबई में दो ही खास सहेली हैं जिनसे उनकी मेल-मुलाकात लगातार बनी रही। एक श्रीदेवी और दूसरी बैजयंतीमाला। इन तीनों की जन्मभूमि दक्षिण भारत ही है। इस कारण भी मुंबई रहते हुए इनके बीच सहज अनुराग था। हेमा को उनकी खबर देर रात मिल गई थी। इससे बेचैन वह सुबह ही मथुरा से मुंबई के लिए रवाना हो गई। उन्होंने बताया कि हेमा ने कुछ स्टेज भी श्रीदेवी के साथ शेयर किए थे।

गौरतलब है कि बालीवुड की प्रख्यात अदाकारा श्रीदेवी का शनिवार रात दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। श्रीदेवी 54 वर्ष की थीं और शनिवार रात दुबई में दिल का दौरा पड़ने से वो इस दुनिया को छोड़कर चली गईं। पोस्टमार्टम के बाद श्रीदेवी का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। 

श्रीदेवी, पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी के साथ एक पारिवारिक शादी में शिरकत करने के लिए दुबई आयीं थी। उनके परिवार में पति बोनी कपूर के अलावा दो बेटियां जाह्नवी और खुशी हैं।

जानकारी के मुताबिक, श्रीदेवी संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में पारिवारिक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गई थीं। शादी से लौटने के बाद श्रीदेवी दुबई के होटल जुमैरा लौट आईं थीं वहां बाथरूम में दिल का दौरा पड़ा। बाद में अस्पताल के डॉक्टरों उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

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