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AAP में खलबली, थप्‍पड़कांड के बाद आम आदमी से नहीं मिल रही सहानुभूति, मायूस हुए नेता

मुख्‍य सचिव को थप्‍पड़ मारे जाने की घटना को लेकर आप नेताओं को यह उम्‍मीद थी कि अफसरों के खिलाफ जनता में व्‍याप्‍त रोष की सहानुभूति उसे जरूरी मिलेगी, लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 26 Feb 2018 12:58 PM (IST)
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AAP में खलबली, थप्‍पड़कांड के बाद आम आदमी से नहीं मिल रही सहानुभूति, मायूस हुए नेता

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । थप्‍पड़कांड के बाद आम आदमी पार्टी को उम्‍मीद थी कि आम आदमी की सहानुभूति उसे जरूर मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार भी 'आप' को मायूसी ही हाथ लगी। मुख्‍यमंत्री आवास पर मुख्‍य सचिव को थप्‍पड़ मारे जाने की घटना को लेकर आप नेताओं को यह उम्‍मीद थी कि अफसरों के खिलाफ जनता में व्‍याप्‍त रोष की सहानुभूति उसे जरूरी मिलेगी, लेकिन यह दांव उलटा पड़ गया। खुद दबी जुबान से पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस घटना से आम जन नाराज हैं।

लगातार दूसरी बार फ्लाप रहा शो

यह पहला मौका नहीं है जब आप नेताओं को दिल्‍ली के आम आदमी ने निराश किया है। जनता की सहानुभूति अर्जित कर सत्‍ता तक पहुंचने वाली आप को लगातार दो बार से निराशा हाथ लगी है। आप के लिए पांच साल में यह दूसरा मौका है, जब पार्टी को लेकर किसी तरह का विवाद होने पर उसे जनता की तरफ से सहानुभूति नहीं मिल रही है। इससे पहले 20 विधायकों की सदस्यता जाने पर भी आप को जनता की ओर से सहानुभूति नहीं मिली थी।

इसे लेकर आम आदमी पार्टी के नेतृत्व के साथ साथ उन 20 लोगों के लिए मुश्किल बढ़ रही है, जो कुछ दिन पहले तक विधायक रहे हैं। उन्हें आभास हो रहा है कि ऐसे हालात में उप चुनाव होने पर आप के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। तीन वर्ष पूर्व दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने अरविंद केजरीवाल को बड़ी उम्‍मीद के साथ सत्‍ता की बागडोर सौंपी थी। फ‍िलहाल यह तो समय तय करेगा कि जनता उनके काम से कितना खुश है, लेकिन यह तय है कि इस बार उनको आम जनता की यह सहानुभूति नहीं मिल रही है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि इस समय दिल्‍ली का माहौल आप के पक्ष में नहीं है।

आरोपों से पार्टी की छवि हुई धूमिल 

इससे पहले ही पार्टी के नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सत्ता में आने के बाद से लगातार मंत्रियों और विधायकों पर लग रहे आरोपों से पार्टी की छवि बुरी तरह प्रभावित हुई है। यह कोई भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है कि अधिकारियों के साथ मारपीट की जाए।

मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री के सामने उन्हीं की पार्टी के विधायकों ने जो कृत्य किया है कि उसने सभी को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिगड़ रहे माहौल को संभालने के लिए यह कहा था कि गरीब लोगों को राशन नहीें मिल रहा था इसलिए मुख्य सचिव को बुलाया गया था।

मगर आप की यह कोशिश बेकार साबित हुई है। मुख्य सचिव ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने लिखित में कहा है कि केजरीवाल के विज्ञापन को लेकर उन्हें बुलाया गया था। इसमें उन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश को दरकिनार कर काम करने के लिए कहा गया।

क्‍या कहते हैं पूर्व मुख्य सचिव उमेश सैगल

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सैगल कहते हैं कि दिल्ली में पिछले तीन सालों दिल्‍ली की जनता ने किसी अधिकारी को धमका देना या मारपीट कर देना किसी भी दल का चेहरा नहीं हो सकता। इसे सार्वजनिक जीवन में कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मगर दिल्ली में आजकल यही सब हो रहा है। मुख्य सचिव के साथ ही मारपीट कर दी जाती है। यह ऐसी घटना है जिसने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है। चारों ओर आम आदमी पार्टी, उसकी सरकार और विधायकों की थू थू हो रही है। इस घटना के बाद से दिल्ली और देश में जो माहौल तैयार हो चुका है उसमें आप को अपना ही नुकसान दिख रहा है। मगर सार्वजनिक तौर पर पार्टी का  कोई भी नेता या कार्यकर्ता इस पर नहीं बोल रहा है।

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