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सीलिंग से जल्द मिलेगी राहत, रिहायशी क्षेत्रों से हटेंगी खानपान की दुकानें

मास्टर प्लान-2021 में पांच प्रमुख संशोधन किये गये हैं, जिसे जल्दी ही अनुमोदित कर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा के रूप में दाखिल किया जाएगा।

By Amit MishraEdited By: Updated: Mon, 26 Feb 2018 09:16 PM (IST)
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सीलिंग से जल्द मिलेगी राहत, रिहायशी क्षेत्रों से हटेंगी खानपान की दुकानें

नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी दिल्ली में सीलिंग को लेकर मचे हाहाकार से अब यहां के लोगों को एफएआर बढ़ाये जाने से राहत मिल सकती है। संशोधित मास्टर प्लान-2021 का मसौदे तैयार कर लिया गया है, जिसे मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक में अनुमोदित किये जाने की संभावना है। कई तरह के गैर कानूनी निर्माण कार्यो को फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के कन्वर्जन चार्ज के साथ ही वैध कराया जा सकता है। शहर के रिहायशी इलाकों में चलाये जा रहे रेस्त्रॉ और खानपान की दुकानों को हटाना ही होगा।

विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग वर्गो में बांटा जाएगा

मास्टर प्लान-2021 में पांच प्रमुख संशोधन किये गये हैं, जिसे जल्दी ही अनुमोदित कर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा के रूप में दाखिल किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुलाए संवाददाता सम्मेलन में संशोधित ब्यौरा पेश किया। उन्होंने कहा कि शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में समान व तार्किक रूप से कन्वर्जन चार्ज लगाया जाएगा। शत प्रतिशत रिहायशी क्षेत्रों में रेस्त्रां, होटल और खानपान के सभी प्रतिष्ठान बंद किये जाएंगे। शहर के विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग वर्गो में बांटा जाएगा। उनकी दरें भी उसके अनुरूप ही होंगी।

बेंसमेंट को लेकर भी नीतियां बनाई गई हैं

अनुमोदित मिश्रित क्षेत्रों के रेस्त्रां व खानपान वाले प्रतिष्ठानों को नियमित करने के लिए कुछ शर्तें लगाई गई हैं। इनके लिए बिजली, वातानुकूलित संयंत्र, एग्जास्ट फैन और पीछे के दरवाजे से आने-जाने पर पाबंदी रहेगी। इसके लिए छतों का ही प्रयोग करना होगा। एफएआर बढ़ाने के साथ पार्किग का 163 अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी, जिन्हें चिन्हित कर लिया गया है। बेंसमेंट को लेकर भी नीतियां बनाई गई हैं। शॉप कम रेजिडेंशियल प्लॉट और कांप्लेक्स क्षेत्रों में जलवायु प्रदूषण न करने वाली गतिविधियों के लिए छूट दी जा सकती है। निजी क्षेत्रों के भूखंडों के बेसमेंट में पार्किग बनाने वालों को विशेष छूट दी जाएगी।

गोदाम बनाने के प्रावधान में रियायत

ग्रामीण क्षेत्रों में गोदाम बनाने के प्रावधान में रियायत दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों के क्लस्टर के गोदामों को 30 मीटर और 12 मीटर वालों को रियायत मिलेगी। गोदामों में आने वाली गाडि़यों को परिसर में ही खड़ा किया जाएगा। उसकी निगरानी शहर की ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय निकाय प्रशासन करेगा। जुटाये जाने वाले कन्वर्जन चार्ज की धनराशि का उपयोग शहर में पेयजल और सीवर लाइन को दुरुस्त करने में किया जाएगा।

सीलिंग से मिलेगी राहत 

डीडीए की मंगलवार को होने वाली बैठक के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल मसौदे को अनुमोदित कर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजेंगे। इसके बाद मसौदे के आधार पर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कराया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके तुरंत बाद दिल्ली वालों को सीलिंग से राहत मिल जाएगी।

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