दलित और अल्पंसख्यक विरोधी है 'आप', ध्यान भटका रही है सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि 'आप' सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विरोधी है। कल्याणकारी योजनाओं में भारी कमी की है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कार्यकाल में शिक्षा, रोजगार, यातायात, शहरी विकास सहित तमाम मुद्दों पर सवाल उठाया है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोमवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय (राजीव भवन) में आयोजित प्रेस वार्ता में इस संबंध में कई आंकड़े पेश किए।
पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विरोधी है 'आप'
कांग्रेस नेता ने कहा कि 'आप' सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विरोधी है। उसने गरीबों व हाशिये पर बैठे लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में भारी कमी की है, जिससे आम आदमी पार्टी की मानसिकता का पता चलता है।
असफलताओं से लोगों का ध्यान भटका रही है 'आप'
हारुन यूसुफ ने कहा कि 'आप' सरकार एक बार फिर अपनी असफलताओं से लोगों का ध्यान भटका रही है। वह भावुकता का सहारा लेकर मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान हटा रही है। 'आप' सरकार दिल्ली के दलितों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्संख्यकों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ पहुंचाने में विफल रही है। बजट का 50 फीसद हिस्सा भी खर्च नही कर पाई है।
कांग्रेस ने दिए आंकड़े
कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013-2014 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के 7,62,847 छात्रों को स्टेशनरी खरीदने के लिए वित्तीय सहायता दी थी। वहीं केजरीवाल की सरकार ने वर्ष 2016-2017 में इन वर्गों के एक भी छात्र को स्टेशनरी खरीदने के लिए वित्तीय सहायता नहीं दी, जबकि वर्ष 2017-18 में फरवरी 2018 तक दिल्ली सरकार ने 5,13,133 छात्रों को ही वित्तीय सहायता दी।
वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के कक्षा 1 से 12 तक के 20,146 विद्यार्थियों को और 2016-17 में 1,49,711 विद्यार्थियों को वजीफा दिया गया, जबकि कांग्रेस के शासनकाल 2013-14 में ही 7,03,452 विद्यार्थियों को वजीफा दिया गया था।
'आप' ने योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 15 साल में गरीबों व हाशिये पर बैठे लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई थीं, ताकि वे सशक्त हो सकें। जब से आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली की सत्ता में आई है तब से उसे काग्रेस द्वारा बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
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