कारोबार को बड़ा झटकाः दिल्ली में रिहायशी क्षेत्रों से हटेंगे रेस्तरां और खानपान की दुकानें
हलफनामा दाखिल होने के तुरंत बाद दिल्ली वालों को सीलिंग से राहत मिल जाएगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली में सीलिंग को लेकर मचे हाहाकार से यहां के लोगों को एफएआर बढ़ाए जाने से राहत मिल सकती है। संशोधित मास्टर प्लान-2021 का मसौदा तैयार है, जिसे मंगलवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण की बैठक में अनुमोदित किए जाने की संभावना है। कई तरह के गैर कानूनी निर्माण कार्यो को फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) के कन्वर्जन चार्ज के साथ ही वैध किया जा सकता है।
रिहायशी इलाकों में चल रहे रेस्तरां व खानपान की दुकानों को हटाना ही होगा। मास्टर प्लान-2021 में पांच प्रमुख संशोधन किए गए हैं, जिन्हें अनुमोदित कर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा के रूप में दाखिल किया जाएगा।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाता सम्मेलन में संशोधित ब्योरा पेश करते हुए कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों में समान व तार्किक रूप से कन्वर्जन चार्ज लगाया जाएगा। शत-प्रतिशत रिहायशी क्षेत्रों में रेस्तरां और खानपान के प्रतिष्ठान बंद किए जाएंगे।
विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग वर्गों में बांटकर उसी अनुसार दरें तय की जाएंगी। अनुमोदित मिश्रित क्षेत्रों के रेस्तरां व खानपान वाले प्रतिष्ठानों को नियमित करने के लिए कुछ शर्ते हैं। इनके लिए बिजली, वातानुकूलित संयंत्र, एग्जास्ट फैन और पीछे के दरवाजे से आने-जाने पर पाबंदी रहेगी।
एफएआर बढ़ाने के साथ पार्किंग की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी, जिन्हें चिह्न्ति कर लिया गया है। बेसमेंट को लेकर भी नीतियां बनाई गई हैं। शॉप कम रेजिडेंशियल प्लॉट और कांप्लेक्स क्षेत्रों में प्रदूषण नहीं करने वाली गतिविधियों के लिए छूट दी जा सकती है। निजी क्षेत्रों के भूखंडों के बेसमेंट में पार्किंग बनाने वालों को विशेष छूट दी जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में गोदाम पर रियायत
ग्रामीण क्षेत्रों के क्लस्टर के गोदामों को 30 मीटर और 12 मीटर वालों को रियायत मिलेगी। यहां आने वाली गाड़ियों को परिसर में ही खड़ा किया जाएगा। उसकी निगरानी शहर की ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय निकाय प्रशासन करेगा। कन्वर्जन चार्ज से मिले पैसे का उपयोग शहर में पेयजल व सीवर को दुरुस्त करने में किया जाएगा।
सीलिंग से मिलेगी राहत
डीडीए बैठक के बाद उपराज्यपाल मसौदे को अनुमोदित कर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय के पास भेजेंगे। इसके बाद मसौदे के आधार पर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कराया जाएगा। माना जा रहा है कि हलफनामा दाखिल होने के तुरंत बाद दिल्ली वालों को सीलिंग से राहत मिल जाएगी।