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मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के प्रस्ताव पर लगी मुहर, लोगों को सीलिंग से मिलेगी राहत

अधिसूचना के लिए फाइल केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद लोगों को सीलिंग से राहत मिल सकेगी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Wed, 28 Feb 2018 07:24 AM (IST)
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मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के प्रस्ताव पर लगी मुहर, लोगों को सीलिंग से मिलेगी राहत

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली के कारोबारियों को सीलिंग से राहत दिलाने के लिए मास्टर प्लान-2021 में संशोधन की रूपरेखा लगभग तैयार हो गई है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई।

सीलिंग से राहत मिल सकेगी

अधिसूचना के लिए फाइल केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेज दी गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद लोगों को सीलिंग से राहत मिल सकेगी। डीडीए के अनुसार संशोधन के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट में भी भेजा जाएगा, क्योंकि 9 फरवरी को उसने डीडीए को इस बाबत निर्देश दिए थे। इसमें पर्यावरण, अग्नि सुरक्षा, जाम और पार्किंग समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की थी।

नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं हो रही है

डीडीए के मुताबिक जिस हिसाब से दिल्ली की आबादी बढ़ रही है उस अनुसार ढांचागत और नागरिक सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि दिल्ली की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान में समय-समय पर बदलाव भी हो रहे हैं। शहर की जरूरतों को देखते हुए 30 जनवरी 2018 को डीडीए की टेक्निकल कमेटी की एक बैठक हुई थी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा करने के साथ ही मास्टर प्लान-2021 में बदलावों की सिफारिश की गई थी। दो फरवरी को डीडीए बोर्ड ने इसे मंजूर कर लिया था।

पार्किंग, पानी, सीवरेज आदि की व्यवस्था करनी होगी

एक समान एफएआर डीडीए ने मंगलवार को एक समान फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) पर मुहर लगा दी है। इसके तहत अब सभी शॉप कम रेजिडेंशियल प्लॉट/काप्लेक्स की एक समान एफएआर होगी। शॉप कम रेजिडेंशियल प्लॉट/कांप्लेक्स में कमर्शियल और प्रोफेशनल गतिविधि के लिए बेसमेंट का प्रयोग किया जा सकेगा। इसके तहत आइटी, रियल एस्टेट, एलआइसी एजेंट, मेडिकल, मेट्रिमोनियल जैसी प्रोफेशनल गतिविधियों को मिक्स लैंड यूज में शामिल किया गया है। ऐसी जगहों पर गाड़ियों और लोगों की आवाजाही को देखते हुए संबंधित स्थानीय निकाय को वहां पार्किंग, पानी, सीवरेज आदि की व्यवस्था करनी होगी।

कन्वर्जन शुल्क में छूट की व्यवस्था 

यदि इन दुकानों में पार्किंग की जगह नहीं है तो स्थानीय निकाय कॉमन पार्किंग की व्यवस्था करेंगे। यदि पार्किंग के लिए आसपास भी जगह नहीं मिल पाती है तो ऐसी कांप्लेक्स स्ट्रीट को पेडिस्ट्रियन स्ट्रीट या एरिया घोषित किया जाएगा। पार्किंग सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्कीम एरिया में पांच फीसद अधिक ग्राउंड कवरेज को मंजूरी दी गई है। प्लॉट में पार्किंग को बढ़ावा देने के लिए कन्वर्जन शुल्क में छूट की व्यवस्था की जाएगी। प्रदूषण, व्यापारिकरण आदि की समस्या को दूर करने के लिए प्लॉट के प्रवेश व निकास को प्रतिबंधित किया जाएगा। बाहर की तरफ एसी, एक्जास्ट फैन की इजाजत नहीं होगी।

गोदाम के लिए नियमों में बदलाव

गोदाम के लिए भी नियमों में बदलाव किए गए हैं। गावों में कम से कम 9 मीटर चौड़ी सड़क पर 300 वर्ग मीटर तथा 12 मीटर चौड़ी सड़क पर अब प्लॉट की साइज के हिसाब से गोदाम बनाए जा सकेंगे। 10 साल तक ही कन्वर्जन शुल्क देना होगा दस साल तक कन्वर्जन शुल्क का भुगतान करने वाले व्यक्ति को अब आगे इसका भुगतान नहीं करना होगा। इसके अलावा कन्वर्जन शुल्क पर लगने वाले जुर्माने को 10 गुना से घटाकर डेढ़ गुना किया जा रहा है। पहले यह 10 गुना से दो गुना किए जाने का प्रस्ताव था।

10 साल तक ही कन्वर्जन शुल्क देना होगा

दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष और डीडीए के वरिष्ठ सदस्य विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्थानीय निकायों से बातचीत कर 351 मिक्स्ड लैंड यूज और पब्लिक पेडिस्ट्रियन स्ट्रीट के अध्यादेश को लागू किए जाने की स्वीकृति दे दी है। अब संबंधित नगर निगम द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर इन सड़कों को शहरी विकास मंत्रालय अपने स्तर पर अधिसूचित करेगा। अब व्यापारियों को मात्र 10 साल तक ही कन्वर्जन शुल्क देना होगा।

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