ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश की रैंकिंग सुधार में आर्किटेक्ट की बड़ी भूमिका
ऑनलाइन व्यवस्था से लोगों को आसानी से अपने भवनों के नक्शे स्वीकृत कराने में मदद मिलेगी और उन्हें कार्यालयों में बार-बार आना नहीं पड़ेगा।
नई दिल्ली [जेएनएन] भवन नक्शा की स्वीकृति प्रक्रिया को आसान करने को लेकर सिविक सेंटर स्थित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली शहरी कला आयोग, अग्निशमन, डीएमआरसी, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, वन और उद्योग विभाग व जल बोर्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ ही विद्युत वितरण कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
ऑनलाइन व्यवस्था से लोगों को मदद मिलेगी
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव डीएस मिश्रा, संयुक्त सचिव शिवदास मीणा, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल, पूर्वी के डॉ. रणबीर सिंह और उत्तरी के मधुप व्यास व तीनों निगमों के मुख्य अभियंता ने उपस्थित 60 से अधिक आर्किटेक्ट के सवालों-शंकाओं के समाधान भी किया। डीएस मिश्रा ने नई व्यवस्था में सुधार लाने में आर्किटेक्ट से भागीदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था से लोगों को आसानी से अपने भवनों के नक्शे स्वीकृत कराने में मदद मिलेगी और उन्हें कार्यालयों में बार-बार आना नहीं पड़ेगा।
आर्किटेक्ट की भूमिका महत्वपूर्ण
मिश्रा ने कहा कि विश्व बैंक द्वारा तैयार की जाने वाली रैंकिंग में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने में आर्किटेक्ट की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे में वे स्पष्ट प्रतिक्रिया दें। नई व्यवस्था नई व्यवस्था को भवन नक्शे स्वीकृत करने में हो रही देरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए विकसित किया गया है। कार्यशाला के प्रारंभ में डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने कहा कि भवनों के नक्शे स्वीकृत करने की ऑनलाइन प्रणाली में प्रक्रियाओं की संख्या में बहुत अधिक कमी, स्वीकृति के लिए लगने वाले दिनों और लागत में कमी से काफी प्रगति हुई है।
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