पति पर अवैध संबंध के झूठे आरोप पीड़ादायक, आत्महत्या की धमकी देना गंभीर मसला: हाई कोर्ट
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध संबंध के झूठे आरोप पति के लिए मानसिक पीड़ादायक और तकलीफ देह हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अवैध संबंध के झूठे आरोप पति के लिए मानसिक पीड़ा के कारण बनते हैं। यहीं नहीं पत्नी द्वारा आत्महत्या की धमकी देना और भी गंभीर है। ऐसी स्थिति में पति और पत्नी का साथ रहना खतरनाक होगा।
पति को तलाक की अनुमति
फैमिली कोर्ट ने पत्नी की क्रूरता के कारण पति को तलाक की अनुमति दी है। इस संबंध में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध संबंध के झूठे आरोप पति के लिए मानसिक पीड़ादायक और तकलीफ देह हैं।
गलत आरोप से आघात पहुंचता है
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस दीपा शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि महिला अपने पति के साथ क्रूरता से पेश आती थी इसलिए फैमिली कोर्ट का फैसला जायज है। गलत आरोप से व्यक्ति को गहरा आघात पहुंचता है। वहीं, जब पत्नी इस वजह से आत्महत्या की धमकी देती है तो पति के उसके साथ रहने की संभावना खत्म हो जाती है।
क्रूरता के आधार पर तलाक की स्वीकृति
पति ने गत वर्ष अक्टूबर में फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने पत्नी की क्रूरता के आधार पर पति को तलाक देने की स्वीकृति दे दी थी। महिला की शादी सन 2008 में याचिकाकर्ता के साथ हुई थी। मार्च 2010 में उनका एक बच्चा भी हुआ।
अवैध संबंध का आरोप
पति ने याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी उसपर भाई की पत्नी (भाभी) के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाती है। इस बात को लेकर वह अक्सर उनसे और उनके परिजनों से झगड़ती रहती है। वह आत्महत्या कर फंसाने की धमकी भी देती है।
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