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अब ई-कारें भरेंगी रफ्तार, वायु प्रदूषण पर होगा करारा वार, खर्च भी होगा कम

दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए निगम ने ई-कारों का उपयोग करने का फैसला लिया था। इसके तहत पहले चरण में 32 कारों को निगम के बेड़े में शामिल किया जा रहा है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 17 Mar 2018 10:02 AM (IST)
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अब ई-कारें भरेंगी रफ्तार, वायु प्रदूषण पर होगा करारा वार, खर्च भी होगा कम

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम इलेक्ट्रिक (ई) कारों का उपयोग करने वाला दिल्ली का पहला निगम बनने जा रहा है।

निगम के बेड़े में शामिल होंगी 32 कारें

महापौर ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए निगम ने ई-कारों का उपयोग करने का फैसला लिया था। इसके तहत पहले चरण में 32 कारों को निगम के बेड़े में शामिल किया जा रहा है। ये कारें एक बार चार्ज होने पर 100 से 120 किलोमीटर चल सकती हैं। इससे निगम का वाहनों पर होने वाला खर्च भी कम होगा।

वायु प्रदूषण होगा कम 

बता दें कि निगमायुक्त पुनीत कुमार गोयल ने भी अपने बजट भाषण में ई-कारों को निगम के बेड़े में शामिल करने की घोषणा की थी, लेकिन वित्त वर्ष शुरू होने से पूर्व ही ई-कारें निगम के बेड़े में शामिल होने जा रही हैं। आयुक्त ने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और इसके प्रति चिंता में हो रही वृद्धि को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम भविष्य में पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से चलने वाली स्टॉफ कार की खरीद को नाम मात्र किया जाएगा। दिल्ली में बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सांस लेने के अधिकार के संरक्षण के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अब केवल इलेक्ट्रिक स्टॉफ कार की खरीद करेगा, ताकि वायु प्रदूषण समाप्त करने की दिशा में सकारात्मक तरीके से योगदान दिया जा सके।

स्थापित किए जाएंगे चार्जिंग प्वॉइंट

नेता सदन शिखा रॉय ने बताया कि आने वाले समय में निगम स्टॉफ कार के लिए केवल इलेक्ट्रिक कारों का ही उपयोग करेगा। इसलिए इसके लिए विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसमें निगम का मुख्यालय सिविक सेंटर और सभी जोन कार्यालय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि निगम के प्रस्तावित अपने स्वामित्व वाले मुख्यालय के निर्माण के दौरान भी बड़े स्तर पर इसकी व्यवस्था करने का ध्यान रखा जाएगा।

अधिकारियों के लिए सहूलियत

निगम के बेड़े में शामिल होने जा रही ई-कारें निगम के अधिकारियों के लिए सहूलियत भरी होंगी, क्योंकि इससे प्रदूषण में कमी आएगी। साथ ही निगम की ओर से खर्च किए जाने वाले धन में भी कमी आएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दिल्ली में निगम के अधिकारी अपने कार्यालय और मुख्यालय जाने के लिए रोजाना औसतन 80 से 90 किलोमीटर का सफर करते हैं। ऐसे में ये कारें उनके लिए काफी उपयोगी साबित होंगी।

निगम को मिल चुका है सम्मान

नए-नए प्रयोग करने के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को सम्मान मिलते रहते हैं। निगम को एलईडी लाइटें लगाने पर भी केंद्र सरकार की ओर से महापौर कमलजीत सहरावत और निगमायुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया था। निगम की ओर से सभी स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइट में बदला गया था। इससे निगम को प्रति वर्ष 9 करोड़ 11 लाख यूनिट की बिजली की खपत में बचत हो रही है, जिसकी अनुमानित लागत 63 करोड़ है। 

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