राजधानी दिल्ली में सर्दियों में फिर जमकर जला कूड़ा, बढ़ा प्रदूषण
गर्मियों के दौरान होने वाले प्रदूषण के चलते ग्रेप को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सर्दियों में दिल्ली को सबसे अधिक कूड़ा जलाने वालों ने प्रदूषित किया। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ सबसे अधिक चालान हुए हैं। पिछले चार महीनों में 2460 चालान किए गए। इनमें कूड़ा जलाने पर 565 से अधिक चालान किए गए। वहीं, गर्मियों के दौरान होने वाले प्रदूषण के चलते ग्रेप को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसमें धूल और उद्योगों पर सबसे अधिक कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सर्दियों के दौरान चार महीनों में शादियों, समारोह, छठ, मैच, आयोजनों आदि के लिए बार-बार ईपीसीए और सीपीसीबी में लोगों ने आवेदन किए। इस दौरान डीजल के इस्तेमाल पर रोक थी। सख्ती की वजह से सिर्फ इंडिया गेट पर हुए एक आयोजन में ही इसे मंजूरी दी गई।
पाया गया कि डीजल जेनरेटरों के बिना दिल्ली का काम बखूबी चला। ऐसा बिजली कंपनियों की मदद से हुआ। इस श्रेणी के तहत सिर्फ 22 चालान हुए। प्रदूषण फैलाने का दूसरा दोषी ट्रैफिक जाम रहा। इसके लिए चार महीनों के दौरान करीब 400 चालान किए गए। तीसरे स्थान पर खुले में आग जलाना रहा।
ठंड से बचने के लिए इस तरह के मामले सामने आए हैं जिसमें 343 चालान किए गए। भवन निर्माण संबंधी गतिविधियां चौथे स्थान पर रहीं, जिसमें 273 चालान किए गए। सड़कों पर धूल उड़ाने, भवन निर्माण गतिविधियों में नियमों की अनदेखी करना, औद्योगिक प्रदूषण, लैंडफिल साइट्स आदि पर गर्मियों में भी सख्ती होगी, ताकि प्रदूषण कम रहे।