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अद्भुत है मधु मलिक के घर की छत, यहां है वसंत के मौसमी फूलों की बहार

बुलबुल, गौरैया समेत कई किस्म की चिड़ियां मधु के गार्डन में चहकती दिख जाती हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 05 Mar 2018 02:13 PM (IST)
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अद्भुत है मधु मलिक के घर की छत, यहां है वसंत के मौसमी फूलों की बहार

गुरुग्राम (जेएनएन)। हुडा द्वारा पिछले दिनों आयोजित फ्लावर शो में मध्यम दर्जे के गार्डन वर्ग में एक बार फिर मधु मलिक ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। मधु का यह लगातार छठा प्रथम पुरस्कार है। हर साल फ्लावर शो के समय जब निर्णायक मधु मलिक के घर की छत पर लगे वसंत के मौसमी फूलों की बहार, लैंडस्केपिंग और सजावट को देखते हैं तो दंग रह जाते हैं।

करीब एक हजार गज में बने उनके घर की छत का आधा हिस्सा टेरेस गार्डन है, जहां मौसमी फूल डहेलिया, गुलदाउदी, गजेनिया, पिटुनिया, फ्लॉक्स पैंजी, निमिशिया, एंटीहेनम, लाइनेरियम, स्वीट पी, स्टॉक, प्रीमुला, कार्नेशन, सिनरेरिया, जरमेनियम, फ्लाक्स, एलाइसम, डाइथेंसियम, फ्लॉक्स, आर्किड, वर्विना, लिली, गेंदे की किस्में व गुलाब देखे जा सकते हैं। वहीं छत पर लगाए गए कचनार और चंपा जैसे पेड़ों के मिनी संस्करण आंखों का सुकून देते हैं।

गुलाबी, सफेद चंपा और गुलाबी कचनार के अलावा सुंदर हरी घास की मखमली चादर देखने को मिलती है। यहां कई किस्म के पाम भी लगाए गए हैं। फाइकस और साइकस खूब लगे हैं। लाल, गुलाबी, सफेद, पीले, नारंगी रंग समेत कई किस्मों के गुड़हल के फूल भी लगाए हैं। मधु मलिक ने छत के अलावा अपने घर के अहाते में कई पेड़ और फूल को बहुत ही सुंदर तरीके से लगाया है।

छत को बनाया वाटरप्रूफ

छत पर टेरेस गार्डन बनाने के लिए अपनी छत को उन्होंने वाटरप्रूफ बनवाया है। मिट्टी के साथ बोन मील, गोबर की खाद समेत सात लेयर लगाए गए हैं। कई किस्म के मिट्टी से बने गमले, पत्थरों की मूर्तियां, रंगीन पत्थरों के बीच रंग बिरंगे फूलों की छटा मुग्ध करती है। कैंपस को एक नदी के आकार के जलाशय से लेकर लैंड स्के¨पग कुछ इस तरह की है, जैसे यह कोई दूसरा ही संसार हो। हालांकि इस शहर में धूल की मात्रा इतनी है कि रोजाना सफाई के बाद भी हर चीज पर एक परत सी चढ़ जाती है। ऐसे में मधु मलिक अपने फूल पौधों और लैंडस्केपिंग के सौंदर्य को बनाए रखने के लिए काफी मेहनत करती हैं। मधु बताती हैं कि उनके टेरेस गार्डन में अकसर मोर आ जाते हैं। पिछले साल मोरों ने यहां अंडे दिए थे। बुलबुल, गौरैया समेत कई किस्म की चिड़ियां मधु के गार्डन में चहकती दिख जाती हैं।

आस-पास भी लगाए पेड़

गृहिणी मधु मलिक बताती हैं कि उनके पिता आर्मी में थे। बचपन अंबाला में बीता। घर में बड़ा कैंपस तो नहीं था, मगर छोटे से कैंपस में गमलों में फूल उगाने का शौक था। मधु देहरादून में भी रही हैं। वहां किचन गार्डन बनाया। फूलों की सज्जा के प्रतियोगिताओं में कई बार पुरस्कार प्राप्त किया। पति एक अमेरिकी कंपनी में सिविल इंजीनियर हैं। वे भी मधु के इस शौक में साथ देते रहे हैं। सेक्टर 31 में सिल्वर जुबली पार्क मार्ग जहां वे रहती हैं, उसके आस-पास के इलाके में उन्होंने बहुत सारे अशोक और चंपा के पेड़ लगाए हैं। बहुत से लोग उनसे सलाह लेते हैं, खासकर महिलाएं उनसे टेरेस गार्डन के बारे में जानकारियां लेने आती हैं।

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