दिल्ली सरकार की बेरुखी से नाराज केंद्रीय मंत्री, कहा- रैपिड रेल प्रोजेक्ट में मदद नहीं लेगा केंद्र
दिल्ली सरकार और शहर की परियोजनाओं के बारे में पूछे सवालों पर केंद्रीय मंत्री पुरी कई मर्तबा बिफरे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी दिल्ली को भीड़-भाड़ से बचाने के लिए आसपास के शहरों को जोड़ने वाले रैपिड रेल ट्रांजिट प्रोजेक्ट को पूरा करने में केंद्र दिल्ली सरकार से वित्तीय मदद नहीं लेगा। इसी तरह दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के चौथे चरण की रेल लाइनों को बिछाने और मेट्रो संचालन के खर्च में भी दिल्ली सरकार की कोई वित्तीय भूमिका नहीं होगी। इसका खर्च भी केंद्रीय शहरी विकास व आवासीय मंत्रालय वहन करेगा।
शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह घोषणा सोमवार को बुलाई एक प्रेसवार्ता में की। वह अपने छह महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों का ब्योरा गिना रहे थे। दिल्ली सरकार और शहर की परियोजनाओं के बारे में पूछे सवालों पर केंद्रीय मंत्री पुरी कई मर्तबा बिफरे। वह दिल्ली में जाम को लेकर राज्य सरकार पर जमकर बरसे।
इसी रौ में उन्होंने रैपिड ट्रांजिट रेल परियोजना और दिल्ली मेट्रो की चौथे चरण को बिना राज्य सरकार की मदद के पूरा करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल्ली में जितनी बसों की जरूरत है, उसके मुकाबले केवल एक तिहाई मौजूद हैं।
उनका कहना था कि स्मार्ट सिटी मिशन को गति देने में केंद्र तो जुटा हुआ है, लेकिन राज्य सरकारों की धीमी चाल से मिशन रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। घोषित 99 स्मार्ट सिटी में से अब तक केवल 23 में ही स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) का गठन हो सका है।
हरदीप पुरी ने कहा कि 30 शहरों को रेटिंग ए मिली है, जिससे उन्हें ऋण लेने और निजी निवेश मिलने का रास्ता आसान हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के लिए घोषित नौ स्मार्ट शहरों में से केवल बनारस और इलाहाबाद में ही कुछ काम हो रहा है, बाकी की हालत संतोषजनक नहीं है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, शहरी गरीबों को रियायती मकान देने की योजना के तहत कुल 45 लाख आवास मंजूर किए जा चुके हैं। पुरी ने बताया कि योजना को निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इन मकानों के निर्माण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।