कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में लगा था ताला, नहीं हो पाई कुर्की, 9 मार्च को होगी सुनवाई
अदालत की टीम पुलिस बल के साथ कुर्की के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यलय पहुंची थी, लेकिन दोनों मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगे होने की वजह से कुर्की नहीं हो पाई।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय की कुर्की के आदेश पर पहुंची टीम को ताला लगा होने की वजह से बैरंग वापस लौटना पड़ा। तीस हजारी कोर्ट ने 94,82,805 रुपये की अदायगी नहीं करने के मामले में कार्यालय कुर्क करने का आदेश दिया था।
कुर्की नहीं हो पाई
अदालत की टीम पुलिस बल के साथ सोमवार को कुर्की के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यलय पहुंची थी, लेकिन दोनों मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगे होने की वजह से कुर्की नहीं हो पाई। वैसे टीम पहुंचने की खबर मिलते ही गेट के बाहर काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी जुट गए थे।
कंपनी का दावा, नहीं मिले पैसे
बता दें कि दिल्ली कांग्रेस ने कार्यालय निर्माण के लिए वर्ष 2001 में टेंडर निकाला था। इमारत बनाने का ठेका वीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला। कंपनी ने वर्ष 2003-04 में यह इमारत बनाकर कांग्रेस को दे दी, लेकिन कंपनी का दावा है कि उसे पैसे नहीं मिले।
कार्यालय को कुर्क करने का आदेश
पीड़ित विनोद गोयल ने वर्ष 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट में शिकायत की। हाई कोर्ट ने केस तीस हजारी कोर्ट भेज दिया। 13 वर्ष तक चली लड़ाई के बाद कोर्ट ने 6 जनवरी 2017 को डीपीसीसी को 94,82,805 रुपये वीजी कंस्ट्रक्शन को देने का आदेश दिया। पैसा न मिलने पर कंपनी ने फिर तीज हजारी कोर्ट का रुख किया तो कांग्रेस कार्यालय को कुर्क करने का आदेश दिया गया। पीड़ित ने बताया कि दफ्तर पर ताला लगा होने की वजह से कुर्की की कार्रवाई नहीं हो पाई, अब मामले में अगली तारीख 9 मार्च को है।
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