जेवर हवाई अड्डा : पहले चरण को हरी झंडी, आठ गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण
जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पहले चरण में आठ गांवों की 1327 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा।
नोएडा [ जेएनएन ]। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। जीबीयू की टीम ने सामाजिक प्रभाव का आकलन एवं प्राइस वाटर कूपर (पीडब्ल्यूसी) ने सामाजिक आर्थिक सर्वे का काम पूरा कर लिया है। दोनों एजेंसी सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हैं। इसके बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के बाद प्राधिकरण जेवर हवाई अड्डे के सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार में आवेदन करेगा।
जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पहले चरण में आठ गांवों की 1327 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ग्रामीणों पर इसके सामाजिक प्रभाव के आकलन के लिए जीबीयू की टीम का गठन किया गया था।
टीम ने प्रभावित गांव में परिवार एवं उनकी सदस्य संख्या, भवन, परिवार की संपत्ति, स्थानांतरित होने पर उनके पर पडऩे वाले असर का आकलन करने के लिए सर्वे किया था। वहीं पीडब्ल्यूसी ने ग्रामीणों के सामाजिक आर्थिक प्रभाव का आकलन करने के लिए सर्वे कर आंकड़े जुटाए हैं।
दोनों एजेंसी के सर्वे का काम पूरा होने के बाद उन्होंने दस्तावेज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। पीडब्ल्यूसी पंद्रह मार्च तक अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण हवाई अड्डे की सैद्धांतिक मंजूरी के लिए आवेदन करेगा।
वहीं जीबीयू की टीम की सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रशासन ग्रामीणों से इस पर राय लेगा। इसके लिए गांवों में खुली बैठकों का आयोजन किया जाएगा। शासन की समिति रिपोर्ट व ग्रामीणों की राय जानने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। समिति की रिपोर्ट के बाद ही जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी हो जाएगी। इन गांवों की जमीन का पहले चरण में होगा अधिग्रहण पारोही, बरवारीबास, रामनेर, दयानतपुर, रोही, मुकीमपुर सिवारा आदि ।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि जेवर हवाई अड्डे का ग्रामीणों पर सामाजिक प्रभाव जानने के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे रिपोर्ट पंद्रह मार्च तक मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट मिलने पर सैद्धांतिक मंजूरी के लिए आवेदन किया जाएगा।