NGT का यक्ष सवाल, आपने यमुना को सीवर लाइन बना दिया, साफ करने के लिए क्या किया
एनजीटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि आप मुद्दे को लेकर टाल मटोल क्यों कर रहे हैं। हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ यमुना के प्रदूषण पर है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। यमुना नदी की हालत के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बुधवार को दिल्ली सरकार को लताड़ लगाई। राज्य सरकार और जल बोर्ड से ट्रिब्यूनल ने पूछा कि अब तक यमुना को साफ करने के लिए क्या किया गया है। जस्टिस जावेद रहीम की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह सिर्फ यमुना में प्रदूषण को लेकर फिक्रमंद है, हरियाणा और दिल्ली के बीच पानी को लेकर विवाद में नहीं पड़ना चाहते। यमुना जैसी पवित्र नदी एक सीवर में तब्दील हो गई है। दिल्ली जल बोर्ड ने कहा था कि यमुना नदी में ज्यादा अमोनिया के हरियाणा जिम्मेदार है। इस पर एनजीटी ने यह टिप्पणी की। मामले की अगली सुनवाई नौ मार्च को होगी।
आपने यमुना के लिए क्या किया है
एनजीटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि आप मुद्दे को लेकर टाल मटोल क्यों कर रहे हैं। हमारा ध्यान सिर्फ और सिर्फ यमुना के प्रदूषण पर है। आप लोग हमेशा एक नई अपील के साथ आ जाते हैं। हमारी चिंता का कारण पूरी यमुना है, न कि एक विशेष हिस्सा। आप चाहते हैं हरियाणा आपको ज्यादा पानी दे ताकि आप अमोनिया का स्तर कम कर सकें, लेकिन पहले यह बताएं कि आपने यमुना के लिए क्या किया है। आपके क्षेत्र में यमुना नदी एक सीवर लाइन बन कर रह गई है।
एनजीटी के आदेशों को पालन नहीं किया
एक घंटे तक चली सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हरियाणा को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह यमुना को ज्यादा और ट्रीटमेंटयुक्त पानी दे। इस पर हरियाणा की तरफ से कहा गया कि दिल्ली को आरोप लगाने की बजाय पानी के ट्रीटमेंट की क्षमता को बढ़ानी चाहिए। हरियाणा ने कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने मुद्दे से संबंधित बैठक में भाग नहीं लेकर एनजीटी के आदेशों को पालन नहीं किया है।
एक अन्य मामले भी एनजीटी ने रिहायशी इलाकों में स्थित स्टील पिकलिंग ईकाई पर कार्रवाई नहीं करने पर दिल्ली सरकार को फटकारा है। ऐसी ईकाइयां दिल्ली के प्लान में प्रतिबंधित हैं।
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