यूपी में 'सरकारी शादी' में लाखों की गड़बड़ी से मचा हड़कंप, जांच के डर से जोड़े हुए भूमिगत
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सामूहिक विवाह में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।
नोएडा (जेएनएन)। शादीशुदा होकर भी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी रचाने वाले जोड़ों की पड़ताल करने जांच समिति बुधवार को भी चीती गांव पहुंची। समिति के गांव में जांच के लिए पहुंचने की भनक लगने पर जोड़े फरार हो गए। परिवार के अन्य सदस्य भी उनके साथ भूमिगत हो गए हैं। अधिकारियों के उनके घरों पर ताले लटके मिले। जांच करने पहुंची जांच टीम ग्रामीणों से बातचीत कर वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच में सामने आया है कि चीती गांव में आठ जोड़े पहले से शादीशुदा है। इनके समेत दस जोड़ों ने बगैर पंजीकरण के वाईएमसीए क्लब में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह पंडाल में शादी रचाई थी। बिना पंजीकरण शादी रचाने वाले दो जोड़ों के दस्तावेज की जांच के लिए प्रशासन की टीम उनके घर पहुंचा। लेकिन उनके घरों पर भी ताले लटके मिले।
कुछ जोड़ों को कलीन चिट देने की तैयारी में प्रशासन
सामूहिक विवाह फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रशासनिक अमला सामूहिक विवाह मंडप में शादी रचाने वालों की पड़ताल में जुटा है। जांच के लिए जिला प्रशासन ने दो टीम गठित की है। इसके साथ ही ईओ व ग्राम विकास अधिकारी स्तर से भी जांच कराई जा रही है।
सूत्रों की माने तो कुछ जोड़ों ने अपने दस्तावेज खुद अधिकारियों को सौंपकर जांच में सहयोग किया है। जिसके बाद जिला प्रशासन उन दस्तावेजों की जांच कर कुछ पात्रों को कलीन चिट देने की तैयारी में है।
शासन करा रहा गोपनीय जांच, अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सामूहिक विवाह में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। प्रशासन की जांच के साथ शासन भी इसकी गोपनीय जांच करा रहा है। शासन की ओर से भेजी गई टीम ने गांव में पहुंचकर अपनी जांच भी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। इसके बाद समाज कल्याण निदेशालय ने भी कड़ी नाराजगी जताते हुए जिला समाज कल्याण से स्पष्टीकरण मांगा है।
मामला दबाने का किया पूरा प्रयास
अधिकारियों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में हुई गड़बड़ी की अच्छी तरह जानकारी थी। इसके उजागर होने से बचने के लिए उन्होंने हर हथकंडा अपनाया। विवाह का आयोजन होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने बिना पंजीकरण शादी रचाने वाले जोड़ों के सत्यापन के लिए एडीओ पंचायत को सूची तक नहीं सौंपी। ऐसे में विवाह के कई दिन बाद भी इस पर पर्दा पड़ा रहा, लेकिन ग्रामीणों की ओर से शिकायत मिलने पर अधिकारियों कारगुजारी का भंडाफोड़ हो गया।