'भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाहती है 'आप', घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर लगे रोक'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में सरकार ने अधिकारियों की आपत्ति को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि उन पर राशन माफिया से मिले होने का आरोप भी लगाया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। भाजपा ने दिल्ली सरकार की घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा का कहना है कि इसके जरिये दिल्ली सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार की यह योजना राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम 2013 की भावनाओं के भी खिलाफ है।
पड़ेगा अतिरिक्त वित्तीय भार
भाजपा की तरफ से कहा गया कि दिल्ली के अधिकारियों ने भी इसका विरोध करते हुए कहा था कि इससे राशन कार्ड धारकों को सीधे लाभ देने की केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना को धक्का लगेगा। दिल्ली सरकार पर इसका अतिरिक्त वित्तीय भार भी पड़ेगा।
योजना पर रोक लगाने की मांग
मामले में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधायक ओपी शर्मा के साथ शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। उन्होंने उपराज्यपाल से सरकार की इस योजना को रोकने की मांग की है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में सरकार ने अधिकारियों की आपत्ति को न सिर्फ नजरअंदाज किया बल्कि उन पर राशन माफिया से मिले होने का आरोप भी लगाया।
राशन माफिया को फायदा
केंद्र सरकार दिल्ली को प्रति माह 60 करोड़ रुपये का खाद्यान्न सहायता के रूप में देती है। राशन कार्ड को आधार से जोड़े जाने के बाद दिल्ली में लगभग चार लाख कार्ड संदिग्ध निकले हैं। अरविंद केजरीवाल सरकार और राशन माफिया की मिलीभगत से यहां फर्जी राशन कार्ड का खेल चल रहा है। अब सरकार राशन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए यह योजना ला रही है। इस योजना से कार्ड धारक राशन पहुंचाने वालों पर आश्रित हो जाएंगे, जो उन्हें परेशान भी कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार बाधा बन रही है
राशन वितरण में होने वाले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार जरूरतमंदों को सीधे उनके खाते में सब्सिडी देना चाहती है, लेकिन दिल्ली सरकार इसमें बाधा बन रही है। भाजपा विधायकों का कहना है कि उपराज्यपाल ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सभी पहलुओं पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
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