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डीयू प्रोफेसर पर यौन प्रताड़ना, धमकाने के बाद अब मारपीट का आरोप

डीयू के कुछ प्रोफेसरों का कहना है कि प्रो.चंद्रा जबसे विभागाध्यक्ष बने हैं डीयू प्रशासन से निकटता के कारण उनका मनोबल बढ़ गया है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 10 Mar 2018 09:33 PM (IST)
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डीयू प्रोफेसर पर यौन प्रताड़ना, धमकाने के बाद अब मारपीट का आरोप

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का कारण डीयू का रसायन विज्ञान विभाग (केमेस्ट्री डिपार्टमेंट) है। दिल्ली विश्वविद्यालय के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रो.रमेश चंद्रा के ऊपर तीन अलग-अलग लोगों ने क्रमश: यौन प्रताड़ना, धमकाने और हाथापाई करने का आरोप लगाया है। हालांकि प्रो.चंद्रा ने इन सभी मामलों से इन्कार करते हुए इसे कुछ शिक्षकों की साजिश करार दिया है।

अश्लील व्यवहार व अभद्रता का आरोप 

प्रो.रमेश चंद्रा के खिलाफ जुलाई 2016 में एक छात्रा ने अश्लील व्यवहार करने का आरोप लगाया था और उसने दिसंबर में डीयू के छात्रसंघ उपाध्यक्ष कुणाल सहरावत से इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि कुणाल सहरावत का कहना है कि मेरे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई थी। दूसरे मामले में विभाग की एक शिक्षिका ने विभाग में छह अन्य प्राध्यापकों की मौजूदगी में प्रो.रमेश चंद्रा के ऊपर अभद्रता से बातचीत करने व असहज करने वाले सवाल पूछने का आरोप लगाया है। आंतरिक शिकायत समिति को लिखे पत्र में प्रो.चंद्रा के ऊपर गंभीर आरोप हैं। उसमें लिखा है कि कमरे में मौजूद विभाग के शिक्षकों ने भी इस बाबत प्रो.चंद्रा को नहीं टोका।

मारपीट की शिकायत 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 6 मार्च को दिल्ली पुलिस के मॉरिस नगर थाना में भी विभागाध्यक्ष के खिलाफ केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के शिक्षक डा.बीके सिंह ने शिकायत की है जिसमें कहा गया है कि विभागाध्यक्ष ने कुछ शिक्षकों की मौजूदगी में उनके ऊपर हाथ उठाया और गर्दन पकड़ी। इस मामले की जानकारी कुलपति समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी है।

करियर समाप्त करने की धमकी

ज्ञात हो कि इसी शिक्षक को प्रो.चंद्रा पहले भी भरी बैठक में उनका करियर समाप्त करने की धमकी दे चुके हैं। जिसके बाद डा.बीके सिंह को सीने में दर्द हुआ और वे दो दिन अस्पताल में भर्ती रहे। इस मामले में भी मॉरिस नगर थाने में प्रो.चंद्रा के खिलाफ शिकायत हो चुकी है। प्रो.चंद्रा पर पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.गुरमीत सिंह से भी अभद्रता करने का आरोप है। 

मनोबल बढ़ गया है

डीयू के कुछ प्रोफेसरों का कहना है कि प्रो.चंद्रा जबसे विभागाध्यक्ष बने हैं डीयू प्रशासन से निकटता के कारण उनका मनोबल बढ़ गया है और बार बार डीयू प्रशासन से उनकी शिकायत करने के बाद भी डीयू प्रशासन ने उनके खिलाफ कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि प्रो.रमेश चंद्रा का कहना है कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं और बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए गए हैं। जिस छात्रा की शिकायत की बात कही जा रही है उसने डूसू उपाध्यक्ष से शिकायत की थी लेकिन डूसू उपाध्यक्ष ने जांच में कुछ नहीं पाया और छात्रा ने शिकायत वापस ले ली।

आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष रखा पक्ष

यही नहीं एक अज्ञात पत्र भी मेरे खिलाफ महिला आयोग को भेजा गया है जिसमें मेरी शिकायत की गई है। मैंने अपना पक्ष भी डीयू की आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में शिक्षिका से यदि पूछा गया कि तुम्हारे कितने बच्चे हैं तो यह यौन प्रताड़ना कैसे हो गया। साक्षात्कार रोकने के लिए डूटा अध्यक्ष राजीब रे सहित कई लोग आए, लेकिन मैं साक्षात्कार कैसे रोक सकता था। इस पूरे मामले के पीछे पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.गुरमीत सिंह और विभाग की ही एक शिक्षिका हैं जो विभागाध्यक्ष बनना चाहती हैं। डा.बीके सिंह से मारपीट के मामले में उन्होंने कहा कि बीके सिंह ने मुझे अपराधी कहा था जिस पर मैंने आपत्ति जताई थी, लेकिन मारपीट नहीं की। 

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