जवानों को दी जाएगी ट्रेनिंग, साइबर हमलों से भी निपटेगी CISF: राजनाथ सिंह
जवानों को साइबर सुरक्षा के लिए तैयार होना चाहिए। गृहमंत्री ने इस दिशा में सीआइएसएफ जवानों की जल्द ट्रेनिंग कराने की बात कही।
गाजियाबाद [जेएनएन]। देश के 341 प्रतिष्ठानों और धरोहरों की सुरक्षा कर रही सीआइएसएफ अब साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी महारथ हासिल करेगी। डिजिटल इंडिया की शुरुआत के साथ ही देश को मानवीय से ज्यादा साइबर हमलों से खतरा है। ऐसे में फोर्स को इन्हें रोकने की दिशा में काम करने होंगे।
साल 2022 में जब देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो विश्व का सबसे बड़ा औद्योगिक सुरक्षा बल 'न्यू सीआइएसएफ' के नाम से जाना जाएगा। इंदिरापुरम स्थित पांचवीं रिजर्व बटालियन में सीआइएसएफ के 49वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह बातें कहीं।
अर्धसैनिक बलों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण
राजनाथ सिंह ने सीआइएसएफ जवानों के युद्ध कौशल और महिला कमांडो के हौसले की तारीफ करते हुए मनोबल बढ़ाया। साथ ही उन्होंने अर्धसैनिक बलों में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने की बात कही। स्थापना दिवस पर सीआइएसएफ के जवानों ने तलवारबाजी, मार्शल आर्ट, मलखंभ के प्रदर्शन के अलावा परेड में कदमताल किया। अग्निशमन दस्ते ने आग लगने की स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉक ड्रिल करते हुए चंद मिनटों में सैकड़ों लोगों की जान बचाई।
साइबर सुरक्षा के लिए तैयार होना चाहिए
गृहमंत्री ने कहा कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के करीब 1.40 लाख जवान ऐतिहासिक धरोहरों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों समेत 341 प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी साइबर स्पेस से डाटा चोरी करने के साथ सूचनाओं में हेर-फेर व अन्य आपराधिक गतिविधियां कर रहे हैं। ऐसे में जवानों को साइबर सुरक्षा के लिए तैयार होना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सीआइएसएफ जवानों की जल्द ट्रेनिंग कराने की बात कही।
साइबर हमले से बचाव की ट्रेनिंग
सीआइएसएफ के कार्यवाहक डीजी एके पटेरिया ने कहा कि जल्द ही जवानों को साइबर हमले से बचाव की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के खाद्य व रसद मंत्री अतुल गर्ग, आइजी (दक्षिणी) आनंद मोहन, आइजी (मुख्यालय) अनुराग, एसएसपी एचएन सिंह, महापौर आशा शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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