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AAP को बड़ा झटकाः JDU में शुरू हो सकती है इलियास आजमी की सियासी पारी

AAP के संस्थापक सदस्‍य व पूर्व सांसद इलियास आज़मी ने राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से हटाए जाने के बाद पार्टी छोड़ दी है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 03 May 2016 10:10 AM (IST)
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्यों में एक इलियास आजमी ने पार्टी छोड़ने के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि वह जल्द ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू)में शामिल हो सकते हैं। यह कयास यूं ही नहीं लगाए जो रहे हैं। दरअसल जिस तरह से वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के तारीफ कर रहे हैं उससे इस बात की संभावना प्रबल हो गई है।

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उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार की बागडोर नागपुर में है। वह नागपुर से चलाई जा रही है, वहीं दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल अपनी मनमानी कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा है कि इलियास के पार्टी छोड़ने से आप को एक बड़ा झटगा लगा है।

आजमी ने कहा कि आज आप एक आदमी (केजरीवाल) की पार्टी बनकर रह गई है, इसीलिए उन्हें राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाल दिया गया। उन्हें नेशनल एक्जियूटिव में भी शामिल नहीं किया गया।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व मुलायम सिंह यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जातिवाद व परिवारवाद सीखने के लिए अब उत्तर प्रदेश नहीं जाना होगा।

आजमी ने कहा कि आप में आज मुस्लिम, ओबीसी व एससी-एसटी के साथ भेदभाव किया जा रहा है। आप के 20 प्रवक्ताओं की सूची में एक भी मुसलमान नेता को जगह नहीं दी जा रही थी। किसी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें प्रवक्ता बनाया गया था।

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सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी से हटाए जाने के बाद इलियास काफी खिन्न चल रहे थे। यहां तक कहा जा रहा है कि अब उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया था। कुछ देर बाद वह पार्टी छोड़ने का विधिवत एलान कर सकते हैं।

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इससेेे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने पर इलियास आज़मी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर खुलकर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार में पिछड़ों और मुसलमानों को क्या पद मिला? उन्होंने कहा था कि अगर सूची निकाल कर देखी जाए, तो अरविंद केजरीवाल की कलई खुल जाएगी।

तब उन्होंने कहा था कि दिल्ली में वह पत्रकार वार्ता कर इसका एलान करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अब खुद अरविन्द केजरीवाल ने सरकार में अहम पोस्ट पर अपनी बिरादरी के लोगों को बैठा दिया है। वो खुलकर पार्टी में भी अपनी बिरादरी वालों को तरजीह दे रहे हैं।

केजरीवाल फैला रहे मुलायम की तरह बिरादरीवाद

उन्होंने कहा था कि मुझे ये महसूस होने लगा था कि केजरीवाल मुलायम सिंह यादव से ज्यादा बिरादरीवाद फैला रहे हैं, इसलिए पार्टी की गतिविधियों में नहीं जाता था।

व्यक्तिवाद के चलते छोड़ा था मायावती का साथ

मैंने एक व्यक्तिवाद के खिलाफ मायावती की पार्टी छोड़ी थी और अन्ना आंदोलन से इसलिए जुड़ा था, क्योंकि वहां एक व्यक्तिवाद नज़र नहीं आया था। मैंने मुस्लिम समुदाय की बातें पार्टी में रखनी शुरू की, लेकिन मेरी बातों का उन पर कोई असर नहीं हुआ।

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