केजरीवाल के एक और खास मंत्री पर शिकंजा, सताने लगा गिरफ्तारी का डर!
शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए कथित पानी टैंकर घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने जल मंत्री कपिल मिश्र का नोटिस भेजा है।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 29 Jun 2016 09:39 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए कथित पानी टैंकर घोटाले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने जल मंत्री कपिल मिश्र का नोटिस भेजा है। उन्हें 4 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कपिल मिश्र को अपनी गिरफ्तारी की आशंका है।
उन्होंने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता कर अपनी इस आशंका को मीडिया के सामने जाहिर किया। कपिल मिश्र ने बताया कि उन्हें कुछ इस तरह की सूचनाएं मिल रही हैं कि एसीबी उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई कर सकती है। मगर इससे वह डरने वाले नहीं हैं। वह एसीबी में जाएंगे।केंद्र को केजरी का झटका,दिल्ली के रिहायशी इलाकों में लगेंगे मोबाइल टावर
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। शीला दीक्षित को अभी एसीबी ने नोटिस तक नहीं दिया है बल्कि जिसने भ्रष्टाचार को उजागर किया पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। शीला दीक्षित को अभी एसीबी ने नोटिस तक नहीं दिया है बल्कि जिसने भ्रष्टाचार को उजागर किया पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है।
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कपिल मिश्र ने दावा किया कि विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने एसीबी को यह आदेश दिया है कि टैंकर घोटाले में वह उन्हें गिरफ्तार करे। मिश्र ने कहा कि जब मैं जल मंत्री बना तो टैंकर घोटाले को लेकर एक शिकायत आई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मैंने कमेटी का गठन किया था।
कपिल मिश्र ने दावा किया कि विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार ने एसीबी को यह आदेश दिया है कि टैंकर घोटाले में वह उन्हें गिरफ्तार करे। मिश्र ने कहा कि जब मैं जल मंत्री बना तो टैंकर घोटाले को लेकर एक शिकायत आई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मैंने कमेटी का गठन किया था।
जांच में पाया गया कि शीला दीक्षित की सरकार के समय पानी की सप्लाई करने वाले स्टील के टैंकर की टेंडर प्रक्रिया व खरीद में घोटाला हुआ है। घोटाले के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जिम्मेदार हैं क्योंकि उस समय जल मंत्री का जिम्मा उन्हीं के पास था। कमेटी ने शीला दीक्षित की जांच और उन पर एफआइआर दर्ज करने की अनुशंसा की थी। उन्होंने कहा, हमने एसीबी को उस समय जांच नहीं सौंपी थी क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई थी कि एसीबी पर केंद्र ने कब्जा कर लिया है इसलिए इस मुद्दे का भाजपा और एसीबी राजनीतिक प्रयोग कर सकती है। केजरीवाल ने कहा था कि एसीबी इसमें कुछ नहीं करेगी। दिल्ली और केंद्र के अधिकार को लेकर कानूनी लड़ाई का केस न्यायालय में चल रहा है। हमें पता है कि केस हमारे हक में होगा। मिश्र ने कहा कि एसीबी में मामला भेजने के बाद मुख्यमंत्री की आशंका सही साबित हुई। भाजपा और एसीबी इस मामले का राजनीतिक प्रयोग कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के अधीन जब एसीबी थी, तो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्ट्रीट लाइट घोटाला, सीएनजी फिटनेस घोटाला, मुकेश अंबानी सहित तीन पर एफआइआर दर्ज कराई थी। अभी तक एसीबी ने एक भी कार्रवाई नहीं की। कपिल मिश्र ने कहा कि एसीबी चीफ मुकेश कुमार मीणा पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन्होंने विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई को लेकर उपराज्यपाल नजीब जंग की मंशा पर सवाल उठाए। मिश्र ने कहा कि एक साल में उपराज्यपाल के पास एक पन्ने वाली 50 हजार शिकायतें आती हैं। हमने खुद एसीबी को सुबूत के साथ 38 शिकायतें भेजी हैं, लेकिन एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा के विजेंद्र गुप्ता की एक पन्ने वाली शिकायत को उपराज्यपाल ने एसीबी के पास फारवर्ड कर दिया और एसीबी ने मामला दर्ज कर लिया। एसीबी का राजनीतिक उपयोग हो रहा है।
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