ऑड-इवन समाप्त होने के बाद दिल्ली वालों को लग सकता है झटका...पढ़ें खबर
ऑड-इवन समाप्त होने के बाद दिल्ली में डीजल, पेट्रोल की किल्लत हो सकती है। दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालकों ने मई के पहले सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पेट्रो पदार्थों पर वैट दर घटाने की मांग को लेकर दिल्ली के पेट्रोल पंप संचालकों ने मई के पहले सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष निशीथ गोयल के मुताबिक ऑड-इवन के दौरान वाहन मालिकों की परेशानियों को देखते हुए आंदोलन मई में करने का फैसला किया गया है।
पंप संचालको के मुताबिक वैट दरों में असमानता के कारण हरियाणा के मुकाबले दिल्ली में प्रति लीटर डीजल 74 पैसे महंगा है। जिसके कारण दिल्ली से 25 से 30 फीसद डीजल की बिक्री हरियाणा स्थानांतरित हो गई है। इसके अलावा पेट्रोल पंप संचालकों की ट्रेड लाइसेंस शुल्क घटाने की भी मांग है। जिसे राज्य सरकार ने तीन हजार रुपये से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये सालाना कर दिया है।
दिल्ली में करीब 400 पेट्रोल पंप है। जिनसे रोजाना 14 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री होती थी। अब बढ़ी दर के कारण यह बिक्री घटकर 10 करोड़ लीटर रोजाना रह गई है। डीजल की बिक्री स्थानांतरित होने से राज्य सरकार के राजस्व को हर माह करीब 30 करोड़ रुपये की चपत लग रही है।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग नारायण के मुताबिक जुलाई 2015 मे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर सरकार ने पेट्रो पदार्थो पर एक समान वैट दर 16.6 फीसद लगाई थी, लेकिन ऑड-इवन से वैट राजस्व को हुए घाटे को पाटने के लिए दिल्ली सरकार ने इस साल फरवरी मे डीजल पर 1.5 व पेट्रोल पर 2 फीसद वैट दर बढ़ा दी है।
वहीं, मार्च में केंद्र सरकार द्वारा रिफाइनरी वाले राज्यों से कच्चे तेल पर प्रवेश शुल्क हटा देने से दिल्ली की तुलना मे हरियाणा में डीजल और सस्ता हो गया। जिसका काफी प्रभाव पड़ रहा है। पंप संचालकों के मुताबिक दिल्ली के मुकाबले हरियाणा में डीजल सस्ता होने से ट्रांसपोर्टर वहीं से व्यवसायिक वाहनो में डीजल भरवाने को तरजीह दे रहे हैं।
ऑड-इवन से लग रहा पंप संचालकों को झटका
ऑड-इवन फॉर्मूले से भले ही दिल्ली में जाम की समस्या थोड़ी कम हुई हो, लेकिन इससे पेट्रोल पंप संचालको को जोरदार झटका लगा है। पहली बार इस वर्ष जनवरी मे लागू हुए ऑड-इवन फॉर्मूले का अनुभव बताता है कि 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच पेट्रोल-डीजल की बिक्री में 25 से 30 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी। 15 दिनों में रोजाना औसतन 10 करोड़ लीटर की तुलना में 8 करोड़ लीटर पेट्रोल तो 14 करोड़ लीटर की तुलना मे महज 12.30 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री हुई थी।