देशविरोधी नारे लगाने वाले कभी देश के हीरो नहीं हो सकते: अनुपम खेर
जेएनयू पहुंचने पर अनुपम खेर ने अपने संबोधन की शुरूआत शायराना अंदाज में की उन्होंने कहा ' उम्र भर अपने गिरेबां से उलझने वाले, तू मुझे मेरे ही साये से डराता क्या है'
नई दिल्ली। अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ जेएनयू में दिखायी गयी। इस मौके पर अनुपम खेर समेत कई लोग मौजूद थे। खेर ने इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए कन्हैया का नाम लिये बगैर उस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि देशविरोधी नारे लगाने वाले कभी देश के हीरो नहीं हो सकते।देश के असल हीरो भगत सिंह और राजगुरू हैं। अनुपम खेर ने अपने संबोधन की शुरूआत शायराना अंदाज में की उन्होंने कहा ' उम्र भर अपने गिरेबां से उलझने वाले, तू मुझे मेरे ही साये से डराता क्या है'
Pics: JNU में देखिए ‘बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम’ की स्क्रीनिंग
Umr bhar apne girebaan se ulajhne waale, Tu mujhe mere hi saaye se darata kya hai-Anupam Kher in #JNU
— ANI (@ANI_news) March 18, 2016
अनुुपम खेर जेएनयूू विवाद पर बोलते हुए देश विरोधी नारे लगाने वालों पर भी निशाना साधा। खेर ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा कुछ छात्रों को हीरो बनाया जा रहा है जबकि वो जमानत पर बाहर आए हैं।
How can some students make a hero out of someone who is out on bail?: Anupam Kher in #JNU pic.twitter.com/eUMXHN1AkX
— ANI (@ANI_news) March 18, 2016
खेर ने इस मौके पर मीडिया पर भी तंज कसा उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत लोग जो देश की बात करते हैं कैमरा उनकी ओर ना होकर जो एक व्यक्ति देश के विरोध में बात करता है उसकी ओर फोकस किया जाता है। हमारे लिए सबसे बड़ी बात है देश का निर्माण करना। अनुपम खेर ने जमानत पर रिहा हुए कन्हैया और उसके साथियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका स्वागत नहीं होना चाहिए। इस बीच जेएनयू में अनुपम खेर के कार्यक्रम में भारी भीड़ देखने को मिली।
जेएनयू में अनुपम खेर का विरोध
कन्हैया के उस भाषण पर जिसमें उसने देश से नहीं देश में आजादी की बात कही थी खेर ने कहा, मैं देश को हमेशा अपने घर की तरह से देखता हूं क्या आप ऐसा कह सकते हैं कि मुझे घर से नहीं घर में आजादी चाहिए। कुछ लोग जो यहां है कहते हैं मेरे माता - पिता गरीब है उनके हालात को बदलने की जिम्मेदारी आपकी है। आप अपने घर के लिए देश के लिए क्या कर रहे हैं ? सवाल उठाना आसान है लेकिन जवाब खोजना मुश्किल। आप खड़े होकर यह कहते कि मैं देश के लिए यह करूंगा तो आपका कदम सराहना के लायक होता। जेएनयू में फिल्म अभिनेता अनुपम खेर का विरोध भी देखने को मिल रहा है। अनुपम खेर मुर्दाबाद, अनुपम खेर गो बैक के नारे भी लगे।
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अनुपम ने अपना उदाहरण पेश करते हुए कहा कि जिस वक्त मुझे स्कॉलरशिप मिलती थी मैं 200 रुपये में से 110 रुपये अपने घर भेजता था। अनुपम खेर ने "भारत माता की जय" के विवाद पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे इस बहस पर ताज्जुब होता है मां तो आखिर मां ही होती है भारत माता के नारे में गलत क्या है। मेरे अंदर के भारतीय को मैं मरते दम तक जिंदा रखूंगा।