AAP का PM पर तंज, '10 लाख का सूट पहनने से विश्व में नहीं चलती कूटनीति'
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की एंट्री की कोशिशों को झटका लगने पर आम आदमी पार्टी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की एंट्री की कोशिशों को झटका लगने पर आम आदमी पार्टी ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। दिल्ली के मु्ख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी प्रधानमंत्री के कूटनीतिक कदमों की आलोचना की है। सिसोदियों ने ट्वीट कर कहा, 'झूला झुलाने, बिरयानी खिलाने और 10-10 लाख के सूट पहनकर दिखाने से दुनिया में कूटनीति नहीं चलती।'
केजरीवाल ने कहा, मोदी की विदेश नीति फेल
एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेशी नीति पूरी तरह फेल हुुई है। केजरीवाल ने पूछा है कि मोदी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने इस मुद्दे पर क्या किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वह कुछ दिन पहले स्विटजरलैंड क्यों नहीं गए? यहां पर बता दें कि स्विटजरलैंड भी भारत के विरोध में आ गया है।
अब केजरीवाल भी बोले, 'दिल्ली को पूर्ण राज्य के लिए भी हो जनमत संग्रह'
PM Modi has completely failed on foreign policy front. He owes explanation on what did he do on his foreign jaunts? https://t.co/rNHlzWS02Q
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 24, 2016
वहीं, अरविंद केजरीवाल ने खासमखास उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर कड़ा तेवर अपनाया। अपने ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने लिखा, 'हारे तो चीन की चालाकी, और अगर जीते होते तो? मोदी मोदी जप रहे होते। तमाशे की कूटनीति को तमाचा लगा है। कुछ तो शर्म करो'।
हारे तो चीन की चालाकी, और अगर जीते होते तो? मोदी मोदी जप रहे होते। तमाशे की कूटनीति को तमाचा लगा है। कुछ तो शर्म करो https://t.co/umtKLdOwh4
— Manish Sisodia (@msisodia) June 24, 2016
उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा है, ' क्या NSG पर देश की हार के लिए, राज्यों को कमज़ोर करने में व्यस्त PMO से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? है कोई या सवाल पूछने वाले भी सब व्यस्त है?'
क्या NSG पर देश की हार के लिए, राज्यों को कमज़ोर करने में व्यस्त PMO से सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए?है कोई या सवाल पूछने वाले भी सब व्यस्त है?
— Manish Sisodia (@msisodia) June 24, 2016
चीनी राष्ट्रपति के साथ गुजरात में झूला झूलने पर मनीष सिसोदिया पर तंस कसते हुए कहा, 'झूला झुलाने, बिरयानी खिलाने और 10-10 लाख के सूट पहनकर दिखाने से दुनिया में कूटनीति नहीं चलती।'
झूला झुलाने, बिरयानी खिलाने और 10-10 लाख के सूट पहनकर दिखाने से दुनिया में कूटनीति नहीं चलती। https://t.co/umtKLdOwh4
— Manish Sisodia (@msisodia) June 24, 2016
यहां पर याद दिला दें कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश पर बृहस्पतिवार को तब झटका लगा, जब कई देशों ने उसका विरोध किया।
BJP को उसके ही दांव से चित करने की तैयारी में आप, LG भी घिरे!
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एनएसजी मेंबर्स की बैठक के दौरान कई देशों ने भारत द्वारा परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने के मुद्दे पर अपना विरोध जताया। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजील, आस्ट्रिया, न्यूजीलैंड, आयरलैंड और तुर्की ने भारत की सदस्यता का विरोध किया।
इन देशों ने दलील दी कि चूंकि भारत ने एनपीटी पर साइन नहीं किया है, इसलिए उसे इस क्लब में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इन देशों के विरोध के बाद यह साफ हो गया कि सिर्फ चीन ही नहीं है जो इस मुद्दे पर भारत का विरोध कर रहा है। रिपोर्टों के मुताबिक, इस बैठक में पाकिस्तान को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल करने को लेकर कोई बात नहीं हुई।
बता दें कि इससे पहले एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर समर्थन पर पाकिस्तान ने चीन का शुक्रिया अदा किया था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनकी सरकार के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया था। इससे पहले परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की एंट्री को लेकर चल रही खबरों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गुरुवार को ताशकंद में मुलाकात की।
ताशकंद में प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीजी के लिए भारत के आवेदन पर चीन से निष्पक्ष रूप से विचार करने के लिए कहा है। मोदी ने शंघाई को-आपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की सदस्यता के लिए चीन के समर्थन पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग को शुक्रिया भी कहा।
मैक्सिको ने निभाया वादा
एनएसजी की बैठक में तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए मैक्सिको ने भारत का समर्थन किया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में ही मैक्सिको की यात्रा की थी और उससे एनएसजी के मुद्दे पर समर्थन मांगा था। तब मैक्सिको ने भरोसा दिलाया था कि वह अपना समर्थन देगा और उसने उस भरोसे को कायम रखा।
... तो इसलिए भारत को चाहिए NSG की सदस्यता
यहां पर बता दें कि भारत एनएसजी की सदस्यता की मांग कर रहा है ताकि वह परमाणु प्रौद्योगिकी का निर्यात और इसका कारोबार कर सके। परमाणु प्रौद्योगिकी के वैश्विक व्यापार का नियमन करने वाली एनएसजी तक पहुंच से ऊर्जा की जरूरत वाले भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार खुलने की संभावना है। भारत एक महत्वाकांक्षी ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम पर काम कर रहा है। भारत का प्रयास 2030 तक परमाणु कार्यक्रम से 63,000 मेगावाट ऊर्जा जरूरत को हासिल करना है।