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AAP के खिलाफ BJP-कांग्रेस ने कसी कमर, कहीं उपचुनाव की तैयारी तो नहीं!

भाजपा के जानकार मानते हैं कि पार्टी के पास इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है जब 400 करोड़ के टैंकर घोटाले में आप-कांग्रेस एक ही पाले में खड़े हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 10:01 AM (IST)
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नई दिल्ली (जेपी यादव)। अगले साल होने वाले MCD चुनाव और 21 विधानसभा क्षेत्रों में संभावित उपचुनाव के मद्देनजर भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ रणनीति बनानी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग के नोटिस के बाद से कांग्रेस आश्वस्त है कि इन 21 सीटों पर फिर से उपचुनाव होना तय है और इसी को देखते हुए उसने अपने कील-कांटे दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।

भाजपा जुटी अंदरखाने तैयारी में

भारतीय जनता पार्टी का तकरीबन हर बड़ा नेता इन दिनों अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमलावर है। ऐसा पहली बार हुई है कि जब भाजपा नेताओं ने इस तरह एक साथ हमला बोला हो। जहां एक ओर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने अपनी कोशिशों से 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के साथ अरविंद केजरीवाल पर भी एफआइआर दर्ज करवाने में सफलता हासिल की है। वहीं, भाजपा सांसद महेश गिरी भी केजरीवाल पर हमलावार हैं।

BJP को उसके ही दांव से चित करने की तैयारी में आप, LG भी घिरे

BJP सांसद महेश गिरी ने संभाला मोर्चा

पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद महेश गिरी की सक्रियता से पार्टी को निश्चित तौर पर राहत मिली है। ये वही नेता हैं, जिनकी पहल पर जेएनयू में देश विरोधी नारा लगाने में जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत कई छात्र नेताओं पर एफआइआर दर्ज हुई थी। भाजपा से जुड़े सूत्रों के कहना है कि हाल ही में महेश गिरी का अनशन पार्टी को मजबूत करने में सहयोग कर सकता है। ऐसे नेताओं का कहना है कि पार्टी को निचले स्तर पर आम आदमी पार्टी से निपटने के लिए काम करने की जरूरत है।

विधानसभा में करारी हार को भूल आगे बढ़ने को बेताब भाजपा

2015 में विधानसभा में हुई करारी हार को भारतीय जनता पार्टी अब तक भुला नहीं पाई है। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि वर्ष 2014 में मोदी लहर में लोकसभा में एतिहासिक जीत हासिल करने वाली भाजपा की दिल्ली में हार सदमे से कम नहीं थी। हालांकि, नेता मानते हैं कि बीता हुआ वक्त है। हम उससे सबक ले सकते हैं, अब आगे बढ़ने का समय है।

2017 में होने वाले MCD चुनाव की तैयारी

रणनीति के लिहाज से अगले साल होने वाले एमसीडी के चुनाव में काफी कम समय बचा है। पिछले महीने MCD की 13 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली हार भी उसे साल रही है। पार्टी इस बात से भी चिंतित है कि उपचुनाव के बाद पार्टी में कोई खास सुधार का काम नहीं हो पाया है।

पार्टी को मजबूत करने की जरूरत

अगले साल होने वाले एमसीडी के चुनाव और 21 विधान क्षेत्रों में संभावित उपचुनाव को देखते हुए भाजपा को आधार मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है। पार्टी के सदस्य मानते हैं कि नेतृत्व से जुड़े मुद्दों को निपटाकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

नए चेहरे पर भाजपा लगा सकती है दांव

भाजपा यह भी महसूस कर रही है कि 2015 की हार के बाद पार्टी में कुछ नए चेहरों की जरूरत है। यही वजह है कि काफी समय से उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी, उत्तम नगर के पूर्व विधायक पवन शर्मा और पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह का नाम चर्चा में चल रहा है। वहीं, विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय को भी दावेदारों में माना जा रहा है।

टैंकर घोटाले में आप घिरी तो बैकफुट पर कांग्रेस

भाजपा के जानकार मानते हैं कि पार्टी के पास इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है जब 400 करोड़ के टैंकर घोटाले में आप-कांग्रेस एक ही पाले में खड़े हैं। इन नेताओं का कहना है कि ACB के टैंकर घोटाले में FIR दर्ज होने और राष्ट्रपति के आप विधायकों को संसदीय सचिव बनाने वाले बिल को लौटाने के बाद भाजपा को आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाना चाहिए।

खतरे में 21 आप विधायकों की सदस्यता, उपचुनाव हुए तो किस पार्टी को होगा लाभ?

कांग्रेस जुटी आप से निपटने की तैयारी में

राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार में संसदीय सचिव बनाए गए 21 विधायकों की सदस्यता जाना तय है। ऐसे में उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू होना लाजमी है। 21 विधायकों पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान भी शुरू कर दिया है।

21 आप विधायकों की पोल खोल में जुटी कांग्रेस

कांग्रेस 21 आप विधायकों के मुद्दे पर भाजपा से कहीं आगे का सोच कर चल रही है। इसके लिए उसने अपनी चाल भी चल दी है। इन दिनों कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को बता रहे हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई करने का वादा कर सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी अपने विधायकों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों का उल्लंघन कर रही है। इस कड़ी में 26 जून को उन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन भी करेगी। वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा का रवैया सुस्ती भरा है।

जन समर्थन में जुटी कांग्रेस

संसदीय सचिव बनाए गए विधायकों की सदस्यता रद करने की मांग कर रही कांग्रेस इस मुद्दे पर लोगों का समर्थन हासिल करने में जुट गई है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के निर्देश पर संसदीय सचिव बनाए गए विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान शुरू चलाया जा रहा है।

नैतिकता का हवाला दे 21 आप विधायकों से मांगा इस्तीफा

विधायकों से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पिछले चार दिनों से यह अभियान चल रहा है। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों से भ्रष्टाचार व बेरोजगारी खत्म करने और दिल्ली के विकास के नाम पर समर्थन हासिल किया था। इन वादों को सरकार भूल गई है।

कांग्रेस का आरोप, आप सत्ता की भूखी

स्वच्छ राजनीति की बात करने वाली आम आदमी पार्टी सत्ता की भूखी हो गई है तथा शक्ति पाने के लिए कार्य कर रही है। आज तक के इतिहास में देश के किसी भी राज्य में कुल विधायकों में से एक-तिहाई को मंत्रियों का संसदीय सचिव नहीं बनाया गया है। इन्हें मंत्री जैसी सुविधाएं, लाल बत्ती वाली गाड़ी तथा कार्यालय भी दिए गए हैं।

संसदीय सचिव लाभ का पद, जाएगी आप विधायकों की सदस्यताः कांग्रेस

कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि संसदीय सचिव लाभ का पद है, इसलिए निश्चित रूप से इनकी सदस्यता जाएगी। मामला अभी चुनाव आयोग में विचाराधीन है। आयोग का फैसला आने के पहले नैतिकता के आधार पर इन विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए।

इन 21 आप विधायकों की जा सकती है विधानसभा सदस्यता
1. प्रवीण कुमार
2. शरद कुमार
3. आदर्श शास्त्री
4. मदन लाल
5. शिव चरण गोयल
6. सजीव झा
7. सरिता सिह
8. नरेश यादव
9. जरनैल सिह (तिलक नगर)
10. राजेश गुप्ता
11. राजेश ऋषि
12. अनिल कुमार वाजपेयी
13. सोम दला
14. अवतार सिह कालका
15. विजेद्र गर्ग
16. जरनैल सिह (रजौरी गार्डन)
17. कैलाश गहलोत
18. अलका लाबा
19. मनोज कुमार
20. नितिन त्यागी
21. सुखवीर सिह