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मुख्य सचिव केके शर्मा ने संभाला कामकाज

दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा ने सोमवार को अपना कार्यभार फिर से संभाल लिया। उनकी दस दिन के छुट्टी पर चले जाने के बाद कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्त के सवाल पर दिल्‍ली में जबरदस्त सियासी हंगामा खड़ा हो गया था। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तलवारें खिंच

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 25 May 2015 02:49 PM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा ने सोमवार को अपना कार्यभार फिर से संभाल लिया। उनकी दस दिन के छुट्टी पर चले जाने के बाद कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्त के सवाल पर दिल्ली में जबरदस्त सियासी हंगामा खड़ा हो गया था। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तलवारें खिंच गई थीं। शर्मा के दस दिन की छुट्टी पर चले जाने के बाद उनकी जगह कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति की जानी थी।

सियासी भूचाल के दस दिन

14 मई : मुख्य सचिव केके शर्मा अमेरिका जाने के लिए 10 दिनों की छुट्टी पर गए।


15 मई : एलजी नजीब जंग ने शकुंतला गैमलीन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त किया। इस नियुक्त को केजरीवाल ने असंवैधानिक करार दिया। उधर, गैमलीन ने एलजी को पत्र लिखकर कहा कि उन पर पद स्वीकार न करने के लिए दवाब डाला जा रहा है।


16 मई : गैमलीन ने कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला। आप ने बीजेपी पर तख्तापलट के लिए षडयंत्र रचने का आरोप लगया। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि क्या मुख्य सचिव को चुनने में सीएम की भूमिका नहीं होनी चाहिए।


17 मई : दिल्ली सरकार ने कहा कि गैमलीन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। विपक्षी दलों ने इस लड़ाई में दिल्ली सरकार का पक्ष लिया।


18 मई : केजरीवाल ने नौकरशाहों को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि एलजी द्वारा जारी किए गए सभी ऑर्डर पर फैसला लेने से पहले ऑडर उन्हें या प्रभारी मंत्री को दिखाए जाएं। दिल्ली सरकार ने मुख्स सचिव (सेवा), आनिंदो मजूमदार को हटा दिया, उनके ऑफिस पर ताला जड़ दिया गया। दिल्ली सरकार ने सीनीयर आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार को प्रिंसिपल सेक्रट्री नियुक्त किया। इस नियुक्ति को जंग ने रद्द कर दिया।

19 मई : नजीब जंग के बाद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से किया मुलाकात।


20 मई : अवरिंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया कि केंद्र सरकर एलजी के तहत दिल्ली में शासन चला रही हैं। एलजी ने सीएम के उन आदेशों को असंवैधानिक करार दिया जिनमें अधिकारियों से फाइलें सीधे मंत्रियों को देने को कहा गया था। आईएएस एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार में काम कर रहे नौकरशाहों से हो रहे बर्ताव पर आपत्ति जताई।


21 मई : सिसोदिया ने लगाया आरोप, दिल्ली में चल रही थी ट्रांसफर एंड पोस्टिंग इंडस्ट्री, जिसे हमने बंद किया इसीलिए सब हमारे खिलाफ हो गए।


22 मई : केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि दिल्ली में शासन का प्रमुख उपराज्यपाल ही हैं।


23 मई : दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक में विशेष सत्र बुलाने का फैसला।