सूरज ढलते ही GB रोड पर शुरू हो जाता है दौलत लुटाने का खेल
दिल्ली के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया जीबी रोड है। इस रोड का नाम सुनते है जहन में कई तरह के विचार कौंध जाते हैं। यहां एक स्याह काला सच भी दफन है, जिसके बारे में हम आपको बताते हैं।
नई दिल्ली [अमित मिश्रा]। दिल्ली का सबसे बड़े रेड लाइट एरिया जीबी रोड को लेकर अब तक आपने न जाने कितनी कहानियां सुनी होंगी, कई बार अखबारों में भी इन बदनाम गलियों को लेकर आपने खबरें भी पढ़ी होंगी। आज हम आपको इसी बदनाम गली एक-एक हकीकत से रूबरू करवाएंगे। हम आपको इस सड़क के इतिहास और वर्तमान के बारे में भी बताएंगे।
कहानी जीबी रोड की, सेक्स वर्करों की अंधेरी जिंदगी को रोशन करने का उठाया बीड़ा
गारस्टिन बास्टिन रोड
जीबी रोड का पूरा नाम गारस्टिन बास्टिन रोड है। इस सड़क को दिल्ली में सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया के तौर पर भी जाना जाता है। दिन के वक्त तो यहां दुकानें खुलती हैं, लेकिन सूरज ढलने के साथ ही शुरू हो जाता है, जिस्म को रौंदने और दौलत को लुटाने का खेल।
1965 में बदला गया नाम
साल 1965 में जीबी रोड का नाम बदलकर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया, लेकिन वक्त बीतता और जीबी रोड रोज इतिहास के पन्नों में खुद को समेटने में जुटा रहा। इस इलाके का अपना इतिहास भी है। कहा जाता है कि यहां मुगलकाल में कुल पांच कोठे हुआ करते थे जिन्हें अंग्रेजों के वक्त में एक साथ कर दिया गया और उसी समय इसका नाम जीबी रोड पड़ा।
दिल्ली के GB रोड पर खत्म हुआ कंडोम संकट
देह व्यापार का सबसे बड़ा अड्डा
जीबी रोड में देह व्यापार का बसे बड़ा कारोबार होता है। नेपाल और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी की जाती है और उन्हें यहां के कोठों सजा दिया जाता है। यहां सेक्स वर्कर किन हालातों में रहती हैं इस बारे में मैं आपको अपने दूसरे लेख में बताउंगा लेकिन उससे पहले यहां पर यह बताना बेहद जरूरी है कि आज भी यहां रोज देश के कोने-कोने से लड़कियां लाई जाती हैं। ज्यादातर को इस धंधे में जबरन डाला जाता है। महिलाओं की कितनी तस्करी होती है, इसकी कोई ठीक जानकारी उपलब्ध तो नहीं है, लेकिन यकीनन यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला होगा।