Move to Jagran APP

मानहानि मामले में केजरीवाल और कीर्ति के खिलाफ चौहान ने दर्ज करवाए बयान

मानहानि मामले में डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने आज तीस हजारी कोर्ट में अपने बयान दर्ज करवाए। चौहान ने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है। मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2016 10:02 PM (IST)
Hero Image

नयी दिल्ली। डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान की तरफ से दाखिल किए गए मानहानि के मामले में बृहस्पतिवार को तीस हजारी कोर्ट में बयान दर्ज करने की कार्रवाई हुई। चेतन चौहान ने अपने बयान दर्ज कराए। हालांकि समय के अभाव के चलते पूरा बयान दर्ज नहीं हो सका। कोर्ट ने अब 2 अप्रैल को आगे के बयान दर्ज करने का निर्णय लिया है।

केजरीवाल का नया आरोप, 'डीडीसीए में चल रहा है सेक्स रैकेट'

महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्रा की अदालत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व बीजेपी नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद के खिलाफ यह आपराधिक मानहानि की शिकायत की गई है। दोनों को बतौर आरोपी अदालत में बुलाने से पूर्व शिकायतकर्ता द्वारा प्री-समन एविडेस प्रस्तुत किए जाने की कार्रवाई बृहस्पतिवार से शुरू हुई।

चेतन चौहान ने अपने लिखित बयान में अदालत को बताया कि यह शिकायत डीडीसीए व उनकी तरफ से की जा रही है। वह डीडीसीए के उपाध्यक्ष हैं और बीते 35 वर्षों से डीडीसीए से जुड़े रहे तथा 15 वर्षों से गवर्निग काउंसिल के सदस्य है। काउंसिल के 26 सदस्यों में से 21 सदस्यों ने उन्हे डीडीसीए की तरफ से यह शिकायत दाखिल करने के लिए अधिकृत किया है। अपने बयान में चौहान ने कहा कि एक टीवी इंटरव्यू के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि डीडीसीए पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा था कि एक वरिष्ठ पत्रकार ने मुझे फोन कर बताया था कि डीडीसीए अधिकारियों ने उनके बेटे का टीम मे सेलेक्शन का आश्वासन दिया था। अगले दिन जब लिस्ट जारी की गई तो उसमें बेटे का नाम नहीं था। इस बाबत मेरी पत्नी ने डीडीसीए अधिकारियों से बात की। डीडीसीए अधिकारी ने पत्नी को एसएमएस भेजकर कहा कि वे रात को उनके दफ्तर आ जाएं अगले दिन बेटे का नाम लिस्ट में डाल दिया जाएगा।

डीडीसीए जांच आयोग को असंवैधानिक बताने पर भड़के केजरीवाल

केजरीवाल के बयान का कीर्ति आजाद ने भी समर्थन किया था। दोनों के बयान लज्जाजनक, शर्मनाक, बेबुनियाद व अपमानजनक थे। इससे लोगों की नजर में डीडीसीए की छवि व विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा है। इनमें जरा सी भी सच्चाई नहीं है। दोनों आरोपियों द्वारा जानबूझकर ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया, ताकि डीडीसीए और चेतन चौहान की छवि को खराब किया जा सके।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।