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केजरीवाल की MLA अलका को कोर्ट में बतौर आरोपी पेश होने का आदेश

आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा के खिलाफ तीस हजारी की मजिस्ट्रेट अदालत ने बतौर आरोपी पेशी वारंट जारी किया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2016 08:20 AM (IST)
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नई दिल्ली (संदीप गुप्ता)। आम आदमी पार्टी (आप) की विधायक अलका लांबा के खिलाफ तीस हजारी की मजिस्ट्रेट अदालत ने बतौर आरोपी पेशी वारंट जारी किया है।

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गत वर्ष कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास भाजपा विधायक ओपी शर्मा के भाई की दुकान में तोड़फोड़ और पुलिस से मारपीट करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ 11 अप्रैल को आरोप पत्र दाखिल किया है।

महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्र ने बृहस्पतिवार को आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा कि अलका लांबा पर आरोप है कि उन्होंने 9 अगस्त 2015 को साथियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता की दुकान में घुसकर तोड़फोड़ की। कैश बिल मशीन को फेंका गया।

वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें रोका तो उन्होंने पुलिस के काम में बाधा पहुंचाई। लिहाजा, पेश सुबूतों पर संज्ञान लेते हुए अलका लांबा को 18 मई को बतौर आरोपी पेश होने का समन जारी किया जाता है।

दिल्ली पुलिस ने लांबा पर आइपीसी की धारा 186(सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी करने देने में अवरोध उत्पन्न करना), 353 (सरकारी कर्मचारी से ड्यूटी के दौरान मारपीट करना), 427 (किसी व्यक्ति को 50 रुपये से अधिक की राशि का नुकसान पहुंचाना), 451 (अनधिकृत तरीके से घर में घुसना), 34 (समान मंशा से एक से अधिक व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है।

पुलिस का कहना है कि 9 अगस्त 2015 को सुबह छह बजे कश्मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास अलका लांबा के कार्यक्रम की सूचना मिली थी। इसके मद्देनजर वहां पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। विधायक अपने कुछ समर्थकों व कुछ बेघर लोगों के साथ वहां पहुंचीं।

उन्होंने पहले भाषण दिया। इसके बाद हंगामा करते हुए दुकानदारों को दुकान बंद करने के लिए धमकाने लगीं। सब इंस्पेक्टर आबिद हुसैन ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी। वह दुकान संख्या 1849 के सामने पहुंचीं और फिर भाषण देने लगीं।

इसके बाद उन्होंने समर्थकों के साथ दुकान के अंदर तोड़फोड़ शुरू कर दी। कैश बिल मशीन फेंक दी। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। इससे पहले कि पुलिस समर्थकों पर कार्रवाई करती सभी भाग गए। विधायक से जब समर्थकों के बारे में बताने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि वह उनके नाम और पते नहीं जानती हैं।

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