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यौन शोषण के आरोपों में फंसे आरके पचौरी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत

यौन शोषण मामले में ऊर्जा और संसाधन सस्थान (टेरी) के नवनियुक्त कार्यकारी उपाध्यक्ष व पूर्व प्रमुख आरके पचौरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत रद करने से इन्कार कर दिया। पीड़िता ने 8 महीने पहले याचिका याचिका दायर कर पचौरी की ज़मानत को ख़ारिज करने करने की मांग की थी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 04 Mar 2016 04:09 PM (IST)
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नई दिल्ली। यौन शोषण मामले में ऊर्जा और संसाधन सस्थान (टेरी) के नवनियुक्त कार्यकारी उपाध्यक्ष व पूर्व प्रमुख आरके पचौरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत रद करने से इन्कार कर दिया। पीड़िता ने 8 महीने पहले याचिका याचिका दायर कर पचौरी की ज़मानत को ख़ारिज करने करने की मांग की थी।

ऐसे में हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पचौरी की अग्रिम ज़मानत आगे भी जारी रहेगी। यहां याद दिला दें कि इसी हफ्ते दिल्ली पुलिस इस मामले मे साकेत कोर्ट मे पचौरी के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल कर चुकी है।

न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने पिछली सुनवाई (11 फरवरी) को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट में चार्जशीट दायर की है, जिसमे पचौरी पर यौन शोषण व अन्य संगीन धाराएं लगाई गई हैं।

पचौरी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला के अधिवक्ता प्रशांत ने कहा था कि टेरी के ही एक अन्य कर्मचारी राहुल ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उस पर टेरी के अधिकारियों ने पीड़िता से समझौता कराने के लिए दबाव बनाया है। पुलिस ने इस तथ्य को अदालत में नहीं रखा।

पुलिस के अधिवक्ता ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा था कि राहुल के बयान दर्ज किए गए हैं। राहुल ने कहा था कि टेरी के वरिष्ठ निदेशक संजय जोशी ने महिला से समझौता करवाने का दवाब बनाया था। एरिया कन्वीनर रानी सिंह ने भी अदालत से बाहर समझौते के लिए कहा था।

पचौरी के अधिवक्ता रमेश गुप्ता की दलील थी कि उनके मुवक्किल ने किसी भी अधिकारी को समझौता करवाने के लिए नहीं कहा। मामले की जांच पूरी हो चुकी है और बिना आधार के अग्रिम जमानत रद नहीं की जानी चाहिए।

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