दिल्ली पुलिस ने व्हाट्सएप से भेजा समन, अदालत ने लगाई फटकार
व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतकर्ता को समन भेजने पर तीस हजारी अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है।
नई दिल्ली [संदीप गुप्ता]। सोशल मीडिया आम लोगों के बीच इस कदर प्रचलित हो गया है कि इसका इस्तेमाल अब लोगों के साथ-साथ कड़े सर्विस नियमों से बंधे पुलिस महकमे से जुड़े लोग भी बेबाकी से करने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला तीस हजारी अदालत में सामने आया जहां व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतकर्ता को समन भेजा गया। अदालत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहा कि वह इस संदर्भ में कड़े नियम बनाएं।
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महानगर दंडाधिकारी अभिलाष मल्होत्रा ने कहा कि इन दिनों दिल्ली पुलिस ने समन भेजने के अलग तरीके इजाद कर लिए हैं। टेलीफोन कॉल, एसएमएस और अब व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को समन भेजे जा रहे हैं। ऐसा करना नियमों और कानून का उल्लंघन करने जैसा है। यह सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत कामकाज का वैध माध्यम नहीं है। अदालत ने कहा कि निसंदेह आधुनिक संचार के युग में विधायी और अदालत इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सेवा देने को प्रोत्साहित कर रही हैं, लेकिन ऐसा केवल आधिकारिक ई-मेल एड्रेस के माध्यम से किया जाए। पब्लिक रिकॉर्ड एक्ट 1993 के प्रावधानों में यह यह स्पष्ट लिखा है कि विदेश से किसी पब्लिक रिकॉर्ड को यहां बतौर सुबूत स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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अदालत ने कहा कि के. गोविंदाचार्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में हाईकोर्ट ने जांच अधिकारियों के कामकाज के लिए गाइड लाइन तय की थी। दिल्ली पुलिस इनका पालन करने में संवेदनहीन रही है। यह मामला 18 हजार रुपये की चोरी से जुड़ा है जिसमें जांच अधिकारी ने अनट्रेस रिपोर्ट अदालत में दाखिल की थी। इस पर शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर अपनी आपत्ति अदालत को बताने को कहा गया था।