विवाद की भेंट चढ़ी डॉक्यूमेंट्री ‘कास्ट ऑन द मैन्यू कार्ड’
दिल्ली के केरल भवन में बीफ (गोमांस) परोसे जाने का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इस मुद्दे को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। इस बार मामला उस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रदर्शन से जुड़ा है, जोकि महाराष्ट्र में बीफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने से
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 30 Oct 2015 08:26 AM (IST)
नई दिल्ली (शैलेन्द्र सिंह)। दिल्ली के केरल भवन में बीफ (गोमांस) परोसे जाने का विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इस मुद्दे को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। इस बार मामला उस डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रदर्शन से जुड़ा है, जोकि महाराष्ट्र में बीफ की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले इस धंधे से जुड़े लोगों पर केंद्रित है।
शुक्रवार से दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में शुरू होने वाले 12वें जीविका-एशिया लाइवीहुड डॉक्यूमेंट्री फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली इस फिल्म को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से हरी झंडी नहीं दी गई है। फेस्टिवल के दूसरे दिन 31 अक्टूबर को दिखाई जाने वाली ‘कास्ट ऑन द मैन्यू कार्ड’ नामक इस फिल्म का निर्माण टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, मुम्बई के पांच छात्रों ने किया है। स्कूल ऑफ मीडिया एंड कल्चरल स्टडीज के छात्रों द्वारा तैयार की गई 21 मिनट की यह फिल्म महाराष्ट्र में सरकार द्वारा बीफ की बिक्री पर लगाई गई रोक से पहले इस पेशे से जुड़े लोगों की जीविका पर आधारित है।
इस फिल्म को बनाने वाले पांच छात्रों में से एक अतुल आनंद बताते हैं कि ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म अगस्त से सितंबर, 2014 में शूट की गई थी और इसमें हमने बीफ इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को मिलने वाले काम और उसमें उनकी जाति की भूमिका पर प्रकाश डाला है। अतुल ने बताया कि इस फिल्म को कहीं से कहीं तक महाराष्ट्र में बीफ पर लगे प्रतिबंध से जोड़कर देखना ठीक नहीं होगा। डॉक्यूमेट्री फेस्टिवल के निर्देशक मनोज मैथ्यू से जब इस विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने अपने फेस्टिवल के लिए कुल 35 फिल्मों के प्रदर्शन की मंजूरी के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रलय के समक्ष आवेदन किया था।
बृहस्पतिवार दोपहर को ही इस संबंध में मंत्रालय की ओर से सहमति पत्र प्राप्त हुआ और इसमें 34 फिल्मों को हरी झंड़ी दिखाई गई और एक फिल्म को इस सूची से हटा दिया गया। मनोज कहते हैं कि इस संबंध में जब मंत्रालय से संपर्क किया गया तो संबंधित अधिकारी ने इस फिल्म का विषय विवादित होने के चलते इसे रोके जाने की बात कही। वे कहते हैं कि इस संबंध में मंत्रालय ने उन्हें लिखित रूप से इस रोक की वजह बताने से इन्कार कर दिया। मनोज का कहना है कि जीविका से जुड़ी फिल्म को अनावश्यक रूप से एक विवादित विषय से जोड़कर देखा जा रहा है, जोकि उचित नहीं है।
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