क्रिकेट मैच में ऐसा क्या हुआ कि खून के प्यासे बन बैठे 2 गांव...पढ़ें खबर
पलवल में क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर से हुई चूक ने 2 गांवों के बीच दीवार खड़ी कर दी है। आलम यह है कि दोनों गांव के लोगों ने एक-दूसरे को गांव से दूर रहने की नसीहत दे डाली है।
पलवल। क्रिकेट मैच में अंपायर से हुई गलती ने दो गांवों के बीच दीवार खड़ी कर दी है। अंपायर द्वारा नो बॉल दिए जाने का विवाद इस कदर बढ़ चुका है कि हथीन उपमंडल के दो गांव बाबूपुर व लडमाकी के लोगों ने एक-दूसरे के गांव जाना बंद कर दिया है। दोनों गांवों में तनाव का माहौल हैं। गांव के लोगों ने एक-दूसरे को पत्र लिखकर गांव में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी है, हालात यह हैं कि गांव में दूधिया के प्रवेश पर भी नो एंट्री लग गई है।
लडमाकी गांव द्वारा लिखी गई चिट्ठी
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क्रिकेट मैच के दौरान हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक बाबूपुर गांव में क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया था। 27 अप्रैल को बाबूपुर व नजदीकी गांव लडमाकी की टीमें फाइनल मैच खेल रहीं थीं। प्रतियोगिता में विजेता को 11 हजार व उप विजेता को 5100 रुपये मिलने थे। एक पारी खत्म हो गई थी। लडमाकी गांव की टीम जब बल्लेबाजी करने उतरी तो अंपायर ने एक गेंदबाज द्वारा फेंकी गई गेंद को नो बॉल करार दिया। जिसे लेकर दोनों टीमों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गांवों के समर्थकों में हाथापाई हो गई और मैच को रद कर दिया गया।
लडमाकी गांव का युवक पिट गया
विवाद यहां नहीं थमा, बृहस्पतिवार को बाबूपुर गांव के इरफान को लडमाकी गांव के लोगों ने पीट दिया। इस घटना के बाद दोनों गांवों में विवाद और गहरा गया। लडमाकी गांव के लोगों की तरफ से बाबूपुर गांव के लोगों को चिट्ठी लिखी गई, जिसमें कहा गया कि जब तक विवाद का समाधान न हो, बेहतर होगा कि उनके गांव के रास्ते से कोई भी बाबूपुर का व्यक्ति नहीं गुजरेगा।
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मामला निपटाना चाहती हैं सरपंच
बाबूपुर गांव की महिला सरपंच फरजाना के ससुर इशाम का कहना हैं कि पहल लडमाकी गांव के लोगों की तरफ से हो रही हैं। हम तो मामले को निपटाना चाहते हैं। मामले को निपटाने के लिए दूसरे गांव के पूर्व सरपंच से भी बात की गई हैं। वहीं दूसरी तरफ लडमाकी गांव की सरपंच कलशुम के ससुर सलाउद्दीन बाबूपुर गांव के लोगों की कमी बता रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फैसला करना ही ठीक रहेगा।
पंचायत में होगा फैसला
दोनों गांवों की मध्यस्थता में लगे पूर्व सरपंच जाकिर हुसैन के मुताबिक दोनों गांवों के बड़े लोगों की पंचायत बुलाकर जल्द फैसला कराने की कवायद चल रही हैं। छोटे से विवाद ने पास ही बसे हुए दोनों गांवों के लोगों में कटुता पैदा कर दी है।
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