बीजिंग की तर्ज पर होगी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खाद्य आपूर्ति
चीन की राजधानी बीजिंग की तर्ज पर राजधानी दिल्ली को कृषि उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी। राज्यों के साथ मिल बैठकर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 13 Apr 2016 10:07 AM (IST)
नई दिल्ली। चीन की राजधानी बीजिंग की तर्ज पर राजधानी दिल्ली को कृषि उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों की उपज की शत-प्रतिशत खपत यहां की जाएगी।
केजरीवाल ने किया पीएम मोदी पर कटाक्ष, कहा- 'ये पब्लिक है सब जानती है' इसके लिए यहां के किसानों को विशेष रियायतें व मदद मुहैया कराई जाएगी। केंद्र सरकार इन दोनों राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त परियोजना तैयार कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ‘दैनिक जागरण’ को बताया कि इस संबंध में सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। राज्यों के साथ मिल बैठकर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। चीन की राजधानी बीजिंग की नजीर देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के लोगों की सारी जरूरतों की आपूर्ति शहर के 100 किलोमीटर के दायरे में बसे किसान करते हैं।
इससे जहां उनकी उपज को अच्छा मूल्य मिल जाता है, वहीं उपभोक्ताओं को ताजा व अच्छी वस्तुएं प्राप्त हो जाती हैं। सिंह ने कहा कि राजधानी दिल्ली में आसपास के राज्यों के मुकाबले सब्जियां, फल, दूध और अन्य उत्पादों की आपूर्ति दूरस्थ राज्यों के किसान करते हैं। इस व्यवस्था को बदलने के लिहाज से स्थानीय किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए 28 अप्रैल को दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में हरियाणा के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और वहां के आला अफसरों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री अपने विभाग के आला अफसरों के साथ दिनभर की लंबी गुफ्तगू करेंगे।
कृषि मंत्री सिंह ने बताया कि हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी ताकि राजधानी दिल्ली की खाद्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। इससे सौ किलोमीटर के दायरे में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा। इसके लिए कृषि मंत्रालय की ओर से खेती करने, वैज्ञानिक सलाह, वित्तीय मदद के साथ किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना को चालू करने में राज्यों की सहयोग जरूरी है। दरअसल, पिछली सरकार के दौरान भी इस तरह की सब्जियों व फलों की खेती के लिए स्थानीय क्लस्टर बनाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। सरकार अब नये सिरे से इस तरह की दूसरी योजना चालू करने की तैयारी में है।
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