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जेएनयू की पूर्व छात्रा ने खोली कन्हैया की पोल, लगाया बदसलूकी का अारोप

दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और जेएनयू की पूर्व छात्रा कमलेश ने अपने फेसबुक पेज पर जून 2015 की घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि कन्हैया कुमार ने जेएनयू हॉस्टल परिसर में किस तरह उनसे अभद्रता की थी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 11 Mar 2016 10:48 AM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और जेएनयू की पूर्व छात्रा कमलेश ने अपने फेसबुक पेज पर जून 2015 की घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि कन्हैया कुमार ने जेएनयू हॉस्टल परिसर में किस तरह उनसे अभद्रता की थी।

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उन्होंने कन्हैया की महिला विरोधी सोच पर प्रहार करते हुए कहा है कि महिला दिवस पर महिला अधिकारों की बड़ी-बड़ी बाते करने वाला कन्हैया एक फर्जी क्रांतिकारी है।

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कमलेश ने लिखा है, जेएनयू की घटना को जिस तरह नित नए मोड़ दिए जा रहे हैं, मैं उससे आहत हूं। कमलेश के उस शिकायती पत्र का ब्योरा कुछ इस तरह से है जिसके आधार पर कन्हैया पर तीन हजार रुपये का जुर्माना लगा था।

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'10 जून 2015 की सुबह मैंने जेएनयू की एक मुख्य सड़क पर कन्हैया कुमार को पेशाब करते देखा। मना करने पर वह आक्रामक और धमकाने वाले अंदाज में बहुत करीब आकर मुझ पर चिल्लाने लगा। उसने मुझे सनकी और पागल तो कहा ही, पागल खाने में इलाज कराने को भी बोला। उसने कहा, मै यहां जो चाहूं कर सकता हूं। तुम मुझे रोक नहीं सकतीं। मेरी जहां मर्जी वहां पेशाब करुंगा। मैं तुम्हें देख लूंगा।' कमलेश ने यह भी लिखा है कि मां की एक महीने की तनख्वाह के बराबर जुर्माना भरा है जेएनयू के इस क्रांतिकारी ने।

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उन्होंंने यह भी स्पष्ट किया कि वह सरकार की कार्रवाई का समर्थन नहीं कर रही हैं, लेकिन सरकार की आलोचना करने और कन्हैया को क्रांतिकारी के तौर पर पेश करने में अंतर है। उन्होंने कन्हैया को पाखंडी और अवसरवादी बताते हुए जेएनयू छात्रों को ताकीद की है कि उन्हें इस पर सोचना चाहिए कि वे किस तरह का संदेश दे रहे हैं।

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कमलेश की फेसबुक पोस्ट पर कई लोगों ने इस कारण सवाल खड़े किए थे कि कन्हैया पर कार्रवाई की जो चिट्ठी वह पेश कर रही हैं उसमे जेएनयू प्रशासन की मुहर नहीं दिख रही है। दरअसल, बृहस्पतिवार की सुबह से ही जेएनयू का आदेश सोशल मीडिया पर था, लेकिन उस आदेश पत्र पर चीफ प्राक्टर का हस्ताक्षर न होने के कारण उसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी। बाद में जेएनयू प्रशासन ने चिट्ठी जारी कर यह स्पष्ट कर दिया कि कन्हैया को बदसुलूकी का दोषी पाया गया था और उस पर जुर्माना लगाया गया था।

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जेएनयू प्रशासन के 16 अक्टूबर 2015 के लेटर में स्पष्ट लिखा है कि ब्रह्मपुत्र हॉस्टल के रूम नबर-123 में रह रहा कन्हैया कुमार जो कि अफ्रीकन स्टडीज में पीएचडी का छात्र है, उसने जेएनयू की पूर्व छात्रा (रजिस्ट्रेशन नबर 29277) से दु‌र्व्यवहार किया और उसे धमकी भी दी। इसलिए वह जुर्माने के तौर पर 3000 रुपये जमा करवाए और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराए, वर्ना उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि पूर्व में देशद्रोह के आरोपी छात्र अनिर्बान भट्टाचार्य पर भी जेएनयू प्रशासन को गलत जानकारी देकर कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में पांच हजार रुपये का जुर्माना लग चुका है। सूत्रों का कहना है कि उमर खालिद पर भी जुर्माना लगाया जा चुका है और इससे संबंधित पत्र भी जल्द ही जारी होने वाला है।

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कई वामपंथियों पर दुष्कर्म के भी आरोप : सौरभ
इस संबंध में एबीवीपी के सदस्य और जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा का कहना है कि वामपंथियो का चरित्र ही यही रहा है। वह एक तरफ तो महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं, दूसरी तरफ अभद्रता करते हैं। कैंपस में कई वामपंथियो पर दुष्कर्म के भी आरोप है। यह इनके घिनौने चरित्र को उजागर करता है।

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