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खतरे में 21 AAP एमएलए की सदस्यता, उपचुनाव हुए तो किसको होगा लाभ ?

राष्ट्रपति के फैसले से आप के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है, लेकिन इससे केजरीवाल सरकार को कोई ख़तरा नहीं है, क्योंकि 70 सदस्यीय दिल्ली विस में उनके पास 67 विधायक हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2016 07:42 AM (IST)
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नई दिल्ली [जेपी यादव]। राष्ट्रपति द्वारा आप सरकार के संसदीय सचिव पद से संबंधित बिल की फाइल लौटाने के बाद 21 AAP विधायकों पर सदस्यता गंवाने की तलवार लटकी हुई है। ऐसे में कयास लगना स्वाभाविक है कि क्या दिल्ली में जल्द ही फिर से विधानसभा चुनाव या उपचुनाव होंगे ? वहीं यह सवाल भी लोगों के जेहन में कौंध रहा है कि अगर इन 21 सीटों पर चुनाव हुए तो भाजपा, आप और कांग्रेस में से किसकों लाभ मिलेगा?

फिर मुश्किल में केजरीवाल, अब 21 AAP विधायकों की सदस्यता भी खतरे में

दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में जीत-हार को आधार माने तो नगर निगम के 13 वार्डों में कांग्रेस का प्रदर्शन चौंकाने वाला रहा था। उसने चार वार्डों में जीत हासिल की। कांग्रेस से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद कोई नहीं कर रहा था। आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 5 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि दस साल से MCD पर काबिज भाजपा को सिर्फ 3 सीटें ही मिल पाईं। एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती। इसी तर्ज पर मतदाताओं ने रुख दिखाया तो कांग्रेस की दिल्ली में मजबूत स्थिति बन सकती है।

फिर मुश्किल में केजरीवाल, अब 21 AAP विधायकों की सदस्यता भी खतरे में

कांग्रेस को मिला सबसे ज्यादा फायदा

- कांग्रेस ने चार वार्ड जीते हैं, जिसकी उम्मीद शायद उसे भी नहीं थी।
-यही वजह है कि उप चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस दफ्तर में जमकर जश्न माना।
- कांग्रेस लंबे समय से MCD में सत्ता से बाहर है। पिछले विधानसभा चुनाव में कोई भी सीट न जीत पाने वाली कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव राहत लेकर आया है।
- कांग्रेस अब अगले साल होने वाले MCD चुनावों के लिए जोर-शोर से जुटेगी।

AAP को पहली बार में पांच सीट पर मिली जीत

- आम आदमी पार्टी ने पहली बार MCD के किसी भी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे।
- विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत की उम्मीद थी, लेकिन उसे सिर्फ पांच वार्ड ही मिले हैं।
- इन नतीजों के बाद कांग्रेस और बीजेपी आम आदमी पार्टी पर ज्यादा हमलावर हो सकेगी। दोनों पार्टियां यह कहते हुए आप पर निशाना साधेंगी कि उसके एक साल के कामकाज को जनता ने नकार दिया है।

BJP को सबसे ज्यादा नुकसान

- MCD उप चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बड़ा झटका हैं, क्योंकि बीजेपी कई सालों से एमसीडी पर काबिज है।
- BJP तीनों नगर निगम में सत्ता में है और उसे सिर्फ तीन वार्ड मिले हैं।
- अगले साल MCD के चुनाव को देखते हुए ये नतीजे बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के इस फैसले से आप के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गई है, लेकिन इससे केजरीवाल सरकार को कोई ख़तरा नहीं है, क्योंकि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में उनके पास 67 विधायक हैं।

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यहां पर याद दिला दें कि राष्ट्रपति ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें संसदीय सेक्रेटेरी की पोस्ट को 'ऑफ़िस ऑफ प्रॉफ़िट' से अलग करने का प्रस्ताव था। केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति के इन्कार के बाद AAP के 21 विधायकों की सदस्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो राष्ट्रपति ने बिल पर दस्तखत करने से इन्कार दिया है। ऐसे में उन सभी विधायकों की सदस्यता रद हो सकती है, जो इस मामले में घिरे थे।

सूत्रों के मुताबिक, अब उपराज्यपाल नजीब जंग इस पर नोटिफ़िकेशन जारी करेंग और चुनाव आयोग को पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा। ऐसे में दिल्ली की इन 21 सीटों पर फिर से चुनाव कराने के अलावा अब कोई और रास्ता नहीं बचा है।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी सरकार ने 2015 में अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद दिए, लेकिन वह 'ऑफ़िस ऑफ प्रॉफ़िट' की श्रेणी में आ गया। ऐसे में अपने विधायकों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार एक बिल लेकर आई, जिसके तहत वह "पूर्वप्रभावी" तरीक़े से डिस्क्वालिफ़िकेशन प्रॉविज़न से छूट चाहती थी। यह बिल मंजूरी के लिए एलजी नजीब जंग को भेजा गया था, जिसे उन्होंने केंद्र सरकार को भेजा और फिर उसने इसे आगे राष्ट्रपति के पास भेजा था।

इन विधायकों पर लटकी है तलवार
1. जरनैल सिंह, राजौरी गार्डन
2. जरनैल सिंह, तिलक नगर
3. नरेश यादव, मेहरौली
4. अल्का लांबा, चांदनी चौक
5. प्रवीण कुमार, जंगपुरा
6. राजेश ऋषि, जनकपुरी
7. राजेश गुप्ता, वज़ीरपुर
8. मदन लाल, कस्तूरबा नगर
9. विजेंद्र गर्ग, राजिंदर नगर
10. अवतार सिंह, कालकाजी
11. शरद चौहान, नरेला
12. सरिता सिंह, रोहताश नगर
13. संजीव झा, बुराड़ी
14. सोम दत्त, सदर बाज़ार
15. शिव चरण गोयल, मोती नगर
16. अनिल कुमार बाजपई, गांधी नगर
17. मनोज कुमार, कोंडली
18. नितिन त्यागी, लक्ष्मी नगर
19. सुखबीर दलाल, मुंडका
20. कैलाश गहलोत, नजफ़गढ़
21. आदर्श शास्त्री, द्वारका