अब दिल्ली से चंडीगढ़ का सफर होगा सुहाना, चलेगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन
जरत निजामुद्दीन से आगरा कैंट के बीच गतिमान एक्सप्रेस चलाने के बाद अब दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। हजरत निजामुद्दीन से आगरा कैंट के बीच गतिमान एक्सप्रेस चलाने के बाद अब दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है। फ्रांस के सहयोग से इस रेलखंड पर 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी और दिल्ली से चंडीगढ़ सिर्फ डेढ़ घंटे मे पहुंचा जा सकेगा। फिलहाल शताब्दी एक्सप्रेस को लगभग साढ़े तीन घंटे का समय लगता है।
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गतिमान एक्सप्रेस के सफल परिचालन से रेलवे उत्साहित है और दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से कानपुर सहित देश के कई अन्य हिस्सों में भी उसकी इस तरह की तेज रफ्तार ट्रेन चलाने की तैयारी है। दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच 200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए फ्रांस के साथ मिलकर सर्वे का काम किया जा रहा है।
ये खूबियां देश की सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस को बनाती हैं खास
सर्वे में रेलवे ट्रैक, रेलवे पुल व सिग्नल सिस्टम का अध्ययन कर फाइनल रिपोर्ट बनाई जाएगी। इसके अनुसार इनमें जरूरी सुधार किए जाएंगे। अभी इस रेल मार्ग पर सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है जो कि 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है।
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दिल्ली से अंबाला रेलखंड 130 किलोमीटर की रफ्तार के लिए तैयार है। इसके लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त की मंजूरी भी मिल गई है, लेकिन इससे ज्यादा तेज गति से ट्रेन चलाने के लिए अभी कई सुधार करने की जरूरत है। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच करीब 600 पुल और 50 मोड़ हैं जहां रेल की गति कम हो जाती है।
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पिछले दिनो फ्रांस और भारतीय विशेषज्ञों की टीम ने इस रेलखंड पर 36 रेलवे पुलों का निरीक्षण कर उन्हें अपग्रेड करने की बात कही। इसी तरह से अन्य पुल और मोड़ की समस्या भी दूर करनी होगी, लेकिन इसे किस तरह किया जाए यह बड़ी समस्या है। क्योंकि इस व्यस्त रेल मार्ग पर राजधानी और शताब्दी सहित रोजाना लगभग सौ ट्रेनें गुजरती हैं। इसलिए ट्रेनो का परिचालन बाधित किए बगैर रेल लाइन में जरूरी सुधार करना रेल प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है।