JNU में उमर व अनिर्बान के हॉस्टल से मिले लैपटॉप, सबूत मिलने की आस
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जाकर देशद्रोह के आरोपी मास्टर माइंड उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य के छात्रावास से उनके लैपटॉप व अन्य सबूत बरामद किए। सेल का मानना है कि दोनों के लैपटाप से काफी सबूत मिल सकते हैं।
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जाकर देशद्रोह के आरोपी मास्टर माइंड उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य के छात्रावास से उनके लैपटॉप व अन्य सबूत बरामद किए। सेल का मानना है कि दोनों के लैपटाप से काफी सबूत मिल सकते हैं। यह भी पता चल सकता है कि इनके संपर्क किन-किन लोगों से हैं और उनसे मेल व सोशल मीडिया के जरिए किस-किस तरह की बातें हुई है।
करीब दो हफ्ते पहले जेएनयू प्रकरण दक्षिण जिला पुलिस से सेल में ट्रांसफर होने के बाद सेल ने पहली बार जेएनयू जाकर सबूत इकट्ठा किया। पहले तो अधिकारियों ने केस की फाइल पढ़कर घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की उसके बाद अब जाकर कार्रवाई शुरू की है।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के नेतृत्व में सेल की टीम पहले ताप्ती छात्रावास पहुंची और वहां उमर खालिद का कमरा खुलवाकर उसका लैपटाप व अन्य सामान बरामद किया। ताप्ती छात्रावास में उमर सिंगल कमरे में रहता है। जब से उसे गिरफ्तार किया गया उसका कमरा बंद पड़ा था।
उसके बाद सेल की टीम ब्रहमपुत्र छात्रावास पहुंची। वहां से पुलिस ने अनिर्बान के कमरे से उसका लैपटॉप व अन्य सामान बरामद किया। ब्रहमपुत्र में भी अनिर्बान सिंगल कमरे में रहता है। इसी छात्रावास में कन्हैया कुमार भी रहता है। माना जा रहा है कि उक्त दोनों को पुलिस मुख्य आरोपी बनाना चाह रही है।
इन्होंने ही कन्हैया कुमार की सहायता से बीते 9 फरवरी की रात संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर जेएनयू में अवैध तरीके से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया था, जिसमें जेएनयू के छात्रों के साथ जामिया व अन्य विश्व विद्यालय में पढने वाले कश्मीरी छात्रों ने जमकर देश विरोधी नारे लगाए थे।
उमर के खिलाफ देशद्रोह होने का कई सबूत मिल चुके हैं। उसका पिता भी प्रतिबंधित संगठन सिमी का मुखिया रहा है। उसके मोबाइल कॉल डिटेल से पता चला है कि घटना से पहले उसकी कश्मीर के अलावा पाकिस्तान व अन्य देशों में काफी बात हुई थी। इसलिए उमर व अनिर्बान को पुलिस सख्त से सख्त सजा दिलाने की कोशिश करेगी।
उधर, सोमवार को खुफिया विभाग की स्पेशल ब्रांच जेएनयू में एक घंटे तक कुलपति के साथ उन्होंने मीटिंग की। माना जा रहा है कि कुलपति के साथ मीटिंग में उनकी इंटेलीजेंस आदि मसले पर बातचीत हुई होगी। कुलपति को सबूत के साथ सच्चाई से अवगत कराया गया हो। ताकि आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को भविष्य में कोई परेशानी नहीं आए।