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जाट आरक्षण आंदोलन का असर, दिल्ली में आम लोग हो रहे परेशान

आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने बाहरी दिल्ली के कंझावला, नरेला बार्डर पर प्रदर्शन करते हुए जाम किया। नरेला के समीप दिल्ली पानीपत हाइवे पर सिंघु बार्डर पर आंदोलनकारी रोड पर ही बैठ गए हैं जिसकी वजह से दिल्ली में आने और दिल्ली से पंजाब हिमाचल की तरफ जाने

By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 21 Feb 2016 07:57 AM (IST)
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नई दिल्ली। आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने बाहरी दिल्ली के कंझावला, नरेला बार्डर पर प्रदर्शन करते हुए जाम किया। नरेला के समीप दिल्ली पानीपत हाइवे पर सिंघु बार्डर पर आंदोलनकारी रोड पर ही बैठ गए हैं जिसकी वजह से दिल्ली में आने और दिल्ली से पंजाब हिमाचल की तरफ जाने वाले रास्ते पूरी तरह से बंद हो गए हैं।

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आंदोलनकारियों को पुलिस के आला अधिकारी समझाने में लगे हैं लेकिन अब ततक कोई नतीजा नहीं निकला है। बार्डरों को सील किए जाने की खबर के बाद दिल्ली देहात के गांवों में भी बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग और महिलाएं भी अपने-अपने गांव में प्रदर्शन कर रहे हैं। कुतुबगढ़, कंझावला, घेवरा, मुंडका, जौंती आदि गांवों में प्रदर्शन जारी है।

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जाट आंदोलन की वजह से आम लोग परेशान हैं। स्कूलों से घर की तरफ जाने वाले बच्चे हों या मरीज सभी इन आंदोलनकारियों को कोसते नजर आ रहे हैं। लगातार हिंसक होते जा रहे है इस आंदोलन से जाट नेताओं की नींद भी उड़ गई हैं। दिल्ली जाट महासभा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह के छोटे भाई आजाद सिंह ने जागरण के माध्यम से जाट आंदोलनकारियों से अपील की वह हिंसा का रास्ता न अपनाएं, सरकारी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचाएं।

डीयू में अचानक हुए हुए जाट आरक्षण समर्थकों के प्रदर्शन से भी मॉडल टाउन, शक्ति नगर, कमला नगर सहित उत्तरी दिल्ली का काफी इलाका प्रभावित हुआ है।

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