JNU: सजा पाए एक छात्र ने कहा- 'देशभक्ति है 'अपराध', तो बार-बार करूंगा'
उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य ने कहा है कि उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासन का फैसला अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ देशव्यापी अभियान का धमकी दी है।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 27 Apr 2016 07:33 AM (IST)
नई दिल्ली। सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल (JNU) प्रशासन द्वारा 9 फरवरी की घटना के बाद जेएनयू प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय को जेएनयू छात्र संघ ने नकार दिया है। जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने कहा यह निर्णय हमारे लिए अमान्य है और कुलपति ने यह निर्णय दबाव में लिया है।
JNU देशद्रोह मामला: कन्हैया कुमार और उमर खालिद को मिली सजा वहीं छात्रसंघ के सचिव रामा नागा का कहना है कि हम इस निर्णय के खिलाफ अदालत में अपील करेंगे। जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता और जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ कुमार शर्मा ने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने जो निर्णय लिया है वह जेएनयू शिक्षक संघ के दबाव में लिया है। यह न्याय नहीं समझौता है।JNU: दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा- '3 चैनलों ने किया माहौल खराब'
उन्होंने कहा कि इस फैसले में मेरे ऊपर बस में सवार होकर देश विरोधी नारे लगाते बाहर जा रहे लोगों को रोकने का आरोप है। इसके लिए मुझे अपराधी करार दिया गया है और मुझ पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और साथ ही साथ यह भी कहा गया है की भविष्य में मैं किसी भी देश विरोधी गतिविधियों में हस्तक्षेप न करूं। सौरभ शर्मा का कहना है कि मैंने एक देशभक्त छात्र होने के नाते अपने मूल कर्तव्यों का निर्वहन किया था। यह फैसला केवल मेरे लिए ही नहीं अपितु देश में रह रहे संपूर्ण भारतीय समाज के लिए अन्याय और धोखा है।
यदि भारत माता के अपमान के विरोध में खड़ा होना अपराध है और उसकी यह सजा है तो मैं अपनी अंतिम सांस तक यह अपराध बार बार करता रहूंगा। मैं चीफ प्रॉक्टर और अपने कुलपति से कहना चाहूंगा की वह मुझे सजा देकर अपने अपराध एवं प्रशासनिक गलतियों को छुपाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि मैं मांग करता हूं कि जो देशविरोधी तत्व इसके अपराधी हैं उन्हें आजीवन जेएनयू कैंपस से निष्कासित किया जाए।
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