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हैवान गुरु ने 16 साल की लड़की को बनाया था हवस का शिकार

कोर्ट ने कहा कि शिक्षक की जगह भगवान से भी ऊपर रखी गई है, लेकिन अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भूलते हुए दोषी ने किशोरी के साथ लगातार दुष्कर्म किया।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 09 Aug 2016 12:07 PM (IST)
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नई दिल्ली (संदीप गुप्ता)। तीस हजारी की विशेष पॉक्सो अदालत ने छात्र का अपहरण कर उससे लगातार दुष्कर्म करने के मामले में शिक्षक को आठ साल कैद की सजा सुनाई है। वारदात के चलते महज 16 साल की उम्र में पीड़िता तीन माह की गर्भवती हो गई थी। उसका गर्भपात कराना पड़ा था।

न्यायाधीश पवन कुमार मट्टू ने आदेश में कहा कि दोषी की यह जिम्मेदारी थी कि बतौर शिक्षक वह पीड़िता का ज्ञान वर्धन करे। भारतीय समाज में शिक्षक की जगह भगवान से भी ऊपर रखी गई है, लेकिन अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भूलते हुए दोषी ने किशोरी के साथ लगातार दुष्कर्म किया।

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महज 16 साल की उम्र में उसे गर्भपात की पीड़ा सहनी पड़ी। उसे सामाजिक और मानसिक यातनाओं का भी सामना करना पड़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी को माफ नहीं किया जा सकता। अदालत ने जितेंद्र सिंह को आइपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए महिला का अपहरण करना), 342 (गलत तरीके से रास्ता रोकना) के तहत दोषी करार देते हुए आठ साल कैद की सजा सुनाई।

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दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी को किशोरी के पुनर्वास के लिए उचित आर्थिक मदद का आदेश दिया। इससे पहले सजा में नरमी बरते जाने की अपील करते हुए बचाव पक्ष के वकील विष्णु शर्मा ने कहा था कि दोषी की उम्र महज 26 साल है। वह जुलाई 2012 में मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही जेल में है।

वहीं, सरकारी वकील पंकज रंगा ने ऐसे मामलों में समाज में कड़ा संदेश देने के लिए दोषी को अधिकतम सजा की मांग की थी। अभियोजन के मुताबिक पीड़िता ननिहाल में रहने के लिए गई हुई थी।

नानी ने उसका पड़ोस में ही स्थित एक सिलाई-कढ़ाई केंद्र में दाखिला करा दिया था। वहां सिलाई सिखाने वाले उसके गुरु जितेंद्र ने उसका अपहरण कर लिया। इस दौरान वह उससे दुष्कर्म करता रहा। पुलिस ने किशोरी को दोषी के पास से मुक्त कराया था।

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