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केजरीवाल के मंत्री ने फैलाई सनसनी, BJP अध्यक्ष का इस्तीफा तय!

अरविंद केजरीवाल के खास पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय का इस्तीफा होने वाला है।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 17 May 2016 08:14 AM (IST)
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नई दिल्ली। ट्वीट के जरिये लगातार विवादों में रहने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गुड लिस्ट में शामिल मंत्री कपिल ने भाजपा के बार में नया दावा करके सनसनी फैला दिला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, 'भाजपा में सबको पता है कि अगले दो-चार दिनों में सतीष उपाध्याय का इस्तीफा होने वाला है। जाते-जाते वाटर माफिया से क्या डील की है।'

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पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा के इस ट्वीट को दिल्ली नगर निगम उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। यहां पर याद दिला दें कि 15 मई को नगर निगम की 13 सीटों के लिए उपचुनाव हुआ है, जिसका परिणाम कल आएगा।

कपिल मिश्रा ने किया सिलेसिलेवार हमला

1.दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने सतीश उपाध्याय और उनके कुछ भाजपाई साथी वाटर माफिया को क्यों बचाना चाहते हैं?

2.क्या सतीश उपाध्याय की वाटर माफिया से मिलीभगत है या फिर भाजपा हाई कमान का दबाव है वाटर माफिया को बचाने के लिए?

3.आखिर जब भाजपा में सबको पता है कि अगले दो-चार दिनों में सतीश उपाध्याय का इस्तीफा होने वाला है, तब जाते जाते वाटर माफिया से क्या डील की है सतीश उपाध्याय ने?

4.दिल्ली सरकार जब भी वाटर माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाती है तो सतीश उपाध्याय और उनके कुछ भाजपाई साथी इसका विरोध करते हैं और वाटर माफिया को बचाने की कोशिश करते हैं?

5. अब जबकि पहली बार दिल्ली जल बोर्ड ने सभी ऐसी कंपनियों की लिस्ट सार्वजानिक कर दी है, जिनके वाटर मीटर मानकों पर खरे उतरे हैं। इस पर सतीश उपाध्याय और उनके कैंप में भारी हलचल है।

6. समझ नहीं आता कि पानी के मीटर की कालाबाजारी व मनमाने दामों में बेचने पर रोक लगने से सतीश उपाध्याय को क्या समस्या है?

7.मुझे तो ऐसा लगता है, जो कदम दिल्ली जल बोर्ड ने उठाया है वह देश के सभी जल निगमों को तुरंत उठाना चाहिए।

8. जब हमने जल बोर्ड के टैंकर्स पर GPS लगाने का निर्णय लिया, सतीश उपाध्याय और उनके साथियों ने विरोध किया।

9.जब हमने गैर कानूनी रूप से चल रहे बॉटलिंग प्लांट्स पर एक्शन लिया तब सतीश उपाध्याय व उनके साथियों ने विरोध किया।

10. अब जब हम मीटर के दाम व ये मीटर कहां से मिलेंगे। इसकी पूरी सूची सार्वजानिक कर रहे हैं तो सतीश उपाध्याय फिर विरोध कर रहे हैं।

11.क्या भाजपा का अध्यक्ष पद वाटर माफिया के द्वारा फाइनल किया जाना है?

12.क्या भाजपा के हाई कमान का दबाव है वाटर माफिया को बचाने के लिए?

13.अब समय आ गया है कि सतीश उपाध्याय और उनके साथी जनता को ये स्पष्ट रूप से बताएं कि आखिर वाटर माफिया से उनकी क्या डील है।

उन्होंने आखिर में बड़ा सवाल उठाया है कि जब पूरी भाजपा को पता है कि अगले दो-चार दिन में सतीश उपाध्याय इस्तीफा देने वाले हैं और भाजपा में अगला अध्यक्ष का निर्णय भी लगभग हो चूका है तब जाते जाते वाटर माफिया को बचाने का ये प्रयास आखिर क्यों?

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