Move to Jagran APP

ऑड-इवन की सफलता में रोड़ा बने स्कूल और गर्मी: गोपाल राय

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को सिविल लाइन स्थित निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में स्वीकारा है कि इस बार ऑड-इवन में प्रदूषण व ट्रैफिक जाम दोनों की समस्या हो रही है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 24 Apr 2016 07:38 AM (IST)
Hero Image

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी की सड़को पर जनवरी के पहले पखवाड़े में लागू ऑड-इवन जितना सफल रहा, इस बार उतना सफल नहीं है। सड़कों पर गाड़ियों की संख्या में खास कमी नहीं आई है। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को सिविल लाइन स्थित निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में स्वीकारा कि पिछली बार की तुलना में इस दफा दिल्ली के सभी स्कूलों के खुले रहने और प्रचंड गर्मी की वजह से इस बार प्रदूषण व ट्रैफिक जाम दोनों की समस्या हो रही है।

AAP मंत्री का खुलासा - 'ODD-EVEN को फेल करना चाहती है BJP'

उन्होंने कहा कि उक्त दोनों कारणों का कितना प्रभाव पड़ा और आगामी दिनो में जब कभी ऑड-इवन लागू किया जाएगा तो इन वजहों को कितना तवज्जो दिया जाए, इसकी जांच के लिए सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर केके दहिया के नेतृत्व में गठित कमेटी मेंं डीटीसी के डिप्टी सीजीएम अनुज सिन्हा, डिम्ट्स के एडिशनल वाइस प्रेसिडेट सीके गोयल, ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी एके सिन्हा, डीएमआरसी के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर विकास कुमार तथा शिक्षा विभाग से सुनीता कौशिक शामिल हैं। यह कमेटी 30 अप्रैल तक इन दिनों स्कूल खुले होने तथा गर्मी की वजह से गाड़ियों की संख्या में पिछली बार की तुलना मे कितना इजाफा हुआ इसका अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगे।

2 साल बाद दोपहिया वाहनों पर भी लागू होगा ऑड-इवन: केजरीवाल

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जनवरी में जब ऑड-इवन लागू किया गया था, तब सभी स्कूल बंद थे। इस बार खुले हुए हैं। नतीजा बच्चों को स्कूल पहुंचाने और लाने में प्रयुक्त 5500 बसें सड़कों पर सुबह और दोपहर में एक साथ उतरती हैं। इसके अलावा अन्य निजी कैब, ऑटो आदि का परिचालन होता है। जिससे ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। जनवरी में सर्दी होने से लोग डीटीसी की सामान्य बस, ऑटो, मोटरसाइकिल आदि का विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। अभी गर्मी होने से लोग साझा करने की जगह कैब से आना-जाना पसंद कर रहे हैं। यह गाड़ियों को बढ़ाने का एक कारण है। प्रथम दृष्टया एक बात सामने आ रही है कि पिछली बार की तुलना में इस बार एक निजी कार को लोग डेढ़ गुना अधिक चला रहे हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।