विधेयकों को पास कराने की खातिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले सिसोदिया
दिल्ली विधानसभा से स्वीकृति मिलने के बाद दो माह से केंद्र सरकार के पास लंबित पड़े दिल्ली सरकार के 14 विधेयकों की मंजूरी के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार को गृह मंत्रालय पहुंचे।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा से स्वीकृति मिलने के बाद दो माह से केंद्र सरकार के पास लंबित पड़े दिल्ली सरकार के 14 विधेयकों की मंजूरी के लिए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार को गृह मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात कर लंबित विधेयकों के बारे में चर्चा की। इस दौरान सिंह ने यह तो नहीं बताया है कि कब तक विधेयकों को स्वीकृति दे दी जाएगी, मगर उन्होंने इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया है। गौरतलब है कि सिसोदिया ने लगभग 15 दिन पहले उक्त विधेयकों की मंजूरी के लिए राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा था।
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मंगलवार को हुई मुलाकात में सिसोदिया ने गृह मंत्री को बताया है कि दिल्ली के विकास, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और सरकारी सेवाओं को समयबद्धता के साथ जनता को उपलब्ध कराने के लिए उक्त विधेयकों को स्वीकृति मिलना बहुत जरूरी है। उन्होंने आग्रह किया है कि आप सरकार दिल्ली के विकास की पक्षधर है, इसलिए प्रमुखता के साथ इन्हें स्वीकृति दी जाए। उन्होंने सभी विधेयकों की उपयोगिता के बारे में भी गृहमंत्री को बताया। उन्होंने गृह मंत्री से कहा कि किसी बिल में किसी प्वाइंट के बारे में कोई भ्रम है तो उसे बता दिया जाए। वह पूरा समय देकर उसके बारे में समझाने के लिए तैयार हैं, मगर विधेयकों की स्वीकृति को रोका न जाए।
ज्ञात हो कि गत साल 18 नवंबर से 4 दिसंबर तक चले दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 15 विधेयकों को स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद इन्हें स्वीकृति के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग के पास भेजा गया था। इनमें से वैट से संबंधित विधेयक को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी थी, जबकि 14 विधेयकों को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया था। इनमें आम आदमी पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे से जुड़ा जनलोकपाल बिल भी शामिल है। दंड प्रक्रिया संशोधन विधेयक, दिल्ली स्कूल शिक्षा संशोधन विधेयक, न्यूनतम मजदूरी संशोधन विधेयक शामिल है। बताया जा रहा है कि जिन 14 विधेयकों को लेकर दिल्ली सरकार बेताब है, यदि उनको मंजूरी मिल जाए तो दिल्ली में विकास की गति को पंख लगने की पूरी उम्मीद है। इन विधेयकों से सरकारी सिस्टम में बड़े बदलाव होने हैं।