बैकफुट पर केजरीवाल, फिलहाल दिल्ली में लागू नहीं होगा ऑड-इवेन फॉर्मूला
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू नहीं होगा। सोमवार एनजीटी के सामने फैसले पर समीक्षा याचिका दाखिल करेंगे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। एनजीटी से सशर्त मंजूरी मिलने के बाद अब ऑड-इवेन फॉर्मूले को लेकर दिल्ली सरकार बैकफुट पर आ गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। मीटिंग में ऑड-इवेन को लेकर चर्चा हुई जिसके बाद सरकार की तरफ से दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि फिलहाल दिल्ली में ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू नहीं होगा।
कैलाश गहलोत ने कहा कि दो पहिया वाहन और महिलाओं को लेकर एनजीटी की 2 शर्तों को देखते हुए फिलहाल हम इसे ऑड-इवेन स्कीम को रद कर रहे हैं। हम सोमवार एनजीटी जाकर फैसले पर समीक्षा याचिका दाखिल करेंगे।
#OddEven has been called off for now: Kailash Gehlot, Delhi Transport Minister pic.twitter.com/2ZXzO0qHGZ
— ANI (@ANI) November 11, 2017
शर्तों के साथ ऑड-इवेन स्कीम को हरी झंडी
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली सरकार की ऑड-इवेन स्कीम को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने इसे लागू करने में कुछ शर्तें भी लगाई थीं। जैसे इस स्कीम में दो पहिया वाहन, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों को छूट नहीं दी जाएगी। इसमें ऐंबुलेंस और इमरजेंसी सर्विसेज के लिए छूट रहेगी। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार को राजधानी में पार्किंग शुल्क 4 गुना तक करने पर विचार करने के लिए भी कहा। बता दें कि राजधानी में 66 लाख दोपहिया वाहन हैं।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भार बढ़ेगा
ऑड-इवेन स्कीम को लागू करने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया, जिसके लिए दिल्ली सरकार को एनजीटी से फटकार भी सुननी पड़ी। महिलाओं और दो पहिया वाहनों को छूट नहीं देने के एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की चुनौतियां बढ़ गई हैं क्योंकि इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर और ज्यादा भार बढ़ेगा।
सरकार को फटकार
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई। ट्रिब्यूनल ने पूछा कि अगर ऑड-इवेन लागू करने से प्रदूषण में कमी आती है तो फिर इसे पहले लागू क्यों नहीं किया गया। एनजीटी ने पूर्व के आदेश ना पढ़ने को लेकर दुख जताते हुए कहा कि आप पुराने आदेश नहीं पढ़ते जिनमें कहा गया है कि दिल्ली में 30 प्रतिशत प्रदूषण दो पहिया वाहनों से होता है ऐसे में ऑड-इवेन से किस आधार पर दोपहिया वाहनों को अलग रखा गया।
एनजीटी ने यह भी कहा है कि अगर कृत्रिम बारिश से प्रदूषण में कमी आती है तो अब तक इसे क्यों नहीं करवाया गया? इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने कहा कि अगले एक-दो दिन में यह कदम उठाया जाएगा।
बता दें कि एनजीटी ने शुक्रवार को भी सरकार के ऑड-इवेन फॉर्मूले पर फटकार लगाई थी। एनजीटी ने राज्य सरकार से कहा था कि वो साबित करे कि इससे पहले ऑड-इवेन लागू करने से फायदा हुआ था। इसके बाद शनिवार को दिल्ली सरकार अपने ऑड-इवेन के समर्थन में दलील दी।
जरूरी आंकड़े
5,30,480-ऑड-इवेन फॉमूले के तहत रोजाना सड़क पर आने वाली कारें
14,13,661-ऑड-इवेन फॉमूले से राहत प्राप्त कारों की संख्या
8,02,110- 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों की संख्या
3,50,621-दिल्ली में उपलब्ध सीएनजी कारें
473-दिल्ली में इलेक्ट्रिक कारें
1,500-सेना के वाहनों की संख्या
1,300-शहर में उपलब्ध एम्बुलेंस की संख्या
7,500- दूतावासों की कारों की संख्या
1 लाख-पुलिस व वीवीआइपी कारों की संख्या
4 लाख- अनुमानत: रोजाना घर में रहने वाली कारों की संख्या
28,74,622-दिल्ली में निजी कारों की कुल संख्या
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