जानिए- कौन है वह बच्ची 'नागरिकता' जिसका पीएम मोदी ने अपने भाषण में किया जिक्र
दरअसल हिंदू शरणार्थी परिवार में जन्मी इस बच्ची का नाम इसके मां-बाप ने खुश होकर नागरिकता रखा है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 22 Dec 2019 07:28 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मजनूं का टीला इलाके में जन्मी उस बच्ची का भी जिक्र किया, जिसका नाम नागरिक संशोधन कानून के नाम पर 'नागरिकता' रखा गया है। दरअसल, मजनूं का टीला में रह रहे हिंदू शरणार्थी परिवार में जन्मी इस बच्ची का नाम इसके मां-बाप ने नागरिक संशोधन कानून के लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद खुश होकर 'नागरिकता' रख दिया है। इसकी मीडिया में काफी चर्चा भी हुई थी।
गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद यह 11 दिसंबर को राज्यसभा में भी पूर्ण बहुमत के साथ पास हो गया। बिल के पास होने की खुशी में दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में हिंदू शरणार्थियों ने जमकर जश्न मनाया। इस दौरान लोगों ने न केवल मिठाइयां बांटीं, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नारे भी लगाए।
इसी कड़ी में मजनूं का टिला में रह रहे एक पाक हिंदू शरणार्थी महिला ने अपनी बच्ची का नाम 'नागरिकता' रखकर सबको चौंका दिया। दरअसल, इस महीला ने दो दिन पहले यानी 9 दिसंबर को ही दो बेटियों को जन्म दिया था। इसके बाद 11 दिसंबर को राज्यसभा में जैसे ही इस बिल के पास होने की खबर आई तो महिला ने अपनी दो बेटियों में से एक का नाम नागरिकता रख दिया।
अपनी बेटी का नाम 'नागरिकता' रखने वाली इस महिला का कहना है कि हमने बिल पास होने की खुशी में बेटी का नाम नागरिकता रखा है। हमें बेहद खुशी है कि सालों से खानाबदोशी की हालत में जी रहे हम लोगों को एक ऐसा देश मिलेगा-नागरिकता मिलेगा, जहां हम जुल्म-ओ-सितम से दूर होंगे।
बता दें कि पाकिस्तान में सालों से रहे ये हिंदू परिवार वहां पर सताए जाने के बाद यहां पर शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। मजनूं का टीला में रह रहे कुल 135 से अधिक परिवारों के पास पक्के मकान नहीं है और ये बेहद गरीबी में जीवन जी रहे हैं।
बुरे हाल में रहे यहां पर 800 से अधिक लोगयहां पर 135 से अधिक परिवारों में 800 से अधिक लोग रहते हैं। शरणार्थी के रूप में जीवन गुजार रहे इन लोगों के पास कोई नियमित रोजगार भी नहीं है। वे किसी तरह मेहनत-मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं।
2013 से बना है यह कैंपबता दें कि शरणार्थियों के लिए मजनूं का टीला में वर्ष, 2013 में शिविर बनाया गया था। पहले जत्थे में यहां पर पाकिस्तान से 40 परिवार आए थे। धीरे-धीरे यहां पर पाक शरणार्थी आते रहे और फिलहाल यहां पर 135 परिवार में 800 लोग रहते हैं। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन तक हो चुके हैं। इस हिंसा में करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है तो कई लोगों की जान जा चुकी है।
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