मंदिर के पास मांस फेंकने लगे समुदाय विशेष के लोग, साध्वी पर तेजाब से हुआ हमला
साध्वी ने बताया कि मंदिर बनाने के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने उन पर इसे बंद करने का दबाव बनाया। जब वह नहीं मानीं तो उन्होंने मंदिर के आसपास मांस फेकना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली [जेएनएन]। गाजीपुर इलाके में स्थित हरिजन बस्ती में एक बुजुर्ग साध्वी का जीवन दूभर हो गया है। एक समुदाय विशेष के कुछ असामाजिक तत्व विरोध कर कई बार कॉलोनी में मंदिर संचालित कर रही साध्वी को धमकियां भी दे चुके हैं। उन पर हमला भी किया गया था।
पीड़ित साध्वी शकुंतला गुप्ता (67) की शिकायत पर गाजीपुर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। इससे आहत साध्वी ने मंदिर पर बिकाऊ होने का नोटिस लगा दिया है। इस मामले में अखंड भारत मोर्चा के अध्यक्ष संदीप आहूजा ने भी पुलिस को पत्र लिखकर महिला को सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
शकुंतला ने बताया कि वह घड़ौली एक्सटेंशन के हरिजन बस्ती में करीब 25 वर्षों से अकेले रह रही हैं। शुरुआत में वह गोशाला चलाती थीं। यहां हिंदुओं के पूजा पाठ के लिए कोई मंदिर नहीं था। स्थानीय लोगों के आग्रह पर उन्होंने अपने मकान के भूतल पर ही सदाशिव मंदिर की स्थापना कर दी। इसके बाद से उनकी मुसीबत बढ़ती चली गई।
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साध्वी ने बताया कि 80 के दशक में यहां हरिजन लोगों को प्लाट आवंटित हुए थे। उस समय समुदाय विशेष के लोगों की संख्या काफी कम थी। बाद में यह संख्या बढ़ती गई और धीरे-धीरे इसका नाम भी मुल्ला कॉलोनी हो गया। हालांकि कागजों में यह अब भी हरिजन बस्ती है।
साध्वी ने बताया कि मंदिर बनाने के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने उन पर इसे बंद करने का दबाव बनाया। जब वह नहीं मानीं तो उन्होंने मंदिर के आसपास मांस फेकना शुरू कर दिया। मंदिर के पास खाली प्लाट के एक हिस्से को कूड़ादान बना दिया। कुछ असामाजिक तत्वों ने उन पर तेजाब से हमला भी किया।
पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई असर न पड़ा। बाद में कुछ हिंदू संगठनो की मदद से मंदिर के पास तीन सीसीटीवी भी लगा दिए। लेकिन वह भी पत्थर मारकर तोड़ दिया गया। इन सबसे साध्वी बेहद दुखी हैं। उन्होंने विरोध स्वरूप मंदिर की दीवार पर यह लिख दिया कि यह बिकाऊ है।
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पुलिस पिकेट जरूरी
अखंड भारत मोर्चा के अध्यक्ष संदीप आहूजा का कहना है कि यह गंभीर मसला है। सरकार को इस पर कुछ कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि शुरुआत में करीब एक हजार प्लाट में यहां समुदाय विशेष के सौ-डेढ़ सौ प्लाट थे। लेकिन धीरे-धीरे हिंदू पलायन करने लगे।
आज स्थिति यह है कि चार सौ प्लाट हिंदू परिवारों के पास रह गए हैं जबकि छह सौ प्लाट समुदाय विशेष के पास चले गए हैं। मंदिर के चारों तरफ समुदाय विशेष के परिवार रहते हैं। इस वजह से वह मंदिर को हटाना चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने पुलिस से मंदिर के पास पिकेट या बूथ लगाने की मांग की है। ताकि साध्वी की सुरक्षा हो सके।