MCD हड़ताल पर बिफरा दिल्ली हाईकोर्ट-‘केवल कोड़े मारने पर काम करेगा निगम’
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा आप क्यों अदालत को चालक बनने के लिए मजबूर कर रहे हो।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में सफाई के लिए पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन न करने पर तीनों नगर निगम (पूर्वी, दक्षिणी व उत्तरी) व अन्य स्थानीय निकायों को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यहां तक कह दिया कि क्या वे तभी काम करेंगे जब उनके पीछे वे कोड़ा लेकर खड़े रहें।
अदालत ने सभी स्थानीय निकायों को बृहस्पतिवार से ही साफ सफाई अभियान शुरू कर 10 दिन में कूड़ा उठाने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने कहा आप तुंरत दूसरा सफाई अभियान शुरू करें और सड़कों से कूड़ा उठाएं और इस बारे में अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने कहा कि जहां सड़कें टूटी हैं उसकी मरम्मत करें। टूटी सड़कों पर उड़ने वाली धूल से वायु प्रदूषण होता है।
चालक बनने को मजबूर
खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा हमने आपको दिसंबर माह में सभी क्षेत्रों में सफाई अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था। आप कहते है सफाई कर दी गई, यदि ऐसा है तो नतीजे सामने क्यों नहीं आ रहे। आप काम क्यों नहीं करना चाहते, आप पर आदेश का असर क्यों नहीं होता। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा आप क्यों अदालत को चालक बनने के लिए मजबूर कर रहे हो। अदालत ने कहा हमने आपको 14 दिसंबर को पार्को व सड़कों के किनारे से मलबा उठाने को कहा था। कुछ कदम उठाए तो गए लेकिन वह उम्मीद के अनुसार नहीं है।
अलग कूड़े दान हों
खंडपीठ ने तीनों नगर निगम से कहा कि वे हर क्षेत्र में जैविक व अजैविक कूड़े के लिए अलग से कूड़ेदान लगाए। अदालत ने चेतावनी दी कि हम नहीं चाहते कि किसी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसलिए संतोषजनक काम करें। पेश मामले में सेना से सेवानिवृत कर्नल बीबी शरण ने जनहित याचिका दायर की है।
याची का आरोप है कि नगर निगम समेत अन्य सिविक एजेंसियां सफाई करने में नाकाम है। अदालत उन्हें उचित निर्देश जारी करे। हड़ताल से स्थानीय लोगों का बुरा हाल है। चारो ओर गंदगी का अंबार है जिससे बड़ों और बच्चों को परेशानी हो रही।
वहीं, दो माह की सैलरी जारी करने के ऐलान के बाद भी उत्तरी निगम कर्मियों का प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भी यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एमसीडी इंप्लाइज के बैनर तले कर्मचारियों ने जगह जगह प्रदर्शन किया। संगठनों ने 18 जनवरी को सिविक सेंटर का घेराव करने की योजना बनाई है।
माना जा रहा है सफाई यूनियन घेराव के बहाने शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। भीड़ यदि ज्यादा जुटती है तो संगठन हड़ताल का आह्वान कर सकते हैं।
कर्मचारी संगठनों ने बताया कि कर्मचारियों को नियमित करने, कैशलेस मेडिकल कार्ड की सुविधाएं, रिटायर्ड कर्मचारियों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर सिविक सेंटर का घेराव किया जाएगा। मंगलवार को भी नॉर्थ एमसीडी के रोहिणी जोन के बाहर निगम कर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया था।
फ्रंट के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने कहा कि यदि समस्या का हल नहीं निकला तो 18 जनवरी को सिविक सेंटर पर प्रदर्शन कर और निगम अधिकारियों को मांगे मानने पर बाध्य किया जाएगा।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के एक गुट ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है लेकिन दूसरा गुट अब भी अड़ा हुआ है। दूसरे गुट का कहना है कि जब तक बैंक में सैलरी नहीं आ जाती तब तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। हड़ताल को लेकर असमंजस बरकरार है।
बुधवार को सफाई कर्मचारियों ने काम नहीं किया। हालांकि एक गुट के हड़ताल से हटने की वजह से ङिालमिल स्थित ट्रक डिपो से ट्रक निकलने शुरू हो गए हैं। जिसकी वजह से डलावघरों से कूड़ा उठना शुरू हो गया है। 80 ट्रकों को कूड़ा उठाने के काम में लगा दिया गया है।