प्रदूषण पर एनजीटी की फटकार, कहा- बच्चों को भयावह भविष्य न दें
दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गहरी नाराजगी जताई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रदूषण के रूप में हम अपने बच्चों को खौफनाक भविष्य दे रहे हैं। वायु प्रदूषण को कम करने के बजाय केंद्र व दिल्ली सरकार केवल एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं। यह टिप्पणी करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राजधानी में बढ़े स्मॉग पर केंद्र व दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई।
एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण आपात स्थिति तक पहुंच चुका है और केंद्र, दिल्ली सरकार व अन्य सिविक एजेंसियों को लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है। एनजीटी ने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद राजधानी में 10 साल पुराने डीजल वाहन चल रहे हैं। दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि सभी 10 साल पुराने डीजल वाहन सड़क से हटने चाहिए। दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि वह 10 साल पुराने डीजल वाहनों का चालान कर रहे हैं। वह उन्हें जब्त भी करते हैं लेकिन उन्हें खड़े करने को उनके पास जगह नहीं है।
देश के सामने यह कैसा नाम
एनजीटी ने कहा कि देश के सामने हम दिल्ली की क्या छवि पेश कर रहे हैं। उसे कैसा नाम दे रहे हैं। यह काफी बुरा है। बृहस्पतिवार को एनजीटी ने केंद्र, दिल्ली सरकार, मुख्य सचिव, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पर्यावरण एवं व वन मंत्रालय को इस बारे में बैठक कर 4 नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
केंद्र के नुमाइंदे भी रहते हैं दिल्ली में
केंद्र सरकार की अधिवक्ता पिंकी आनंद ने कहा कि आदेश के मुताबिक बैठक दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को करनी थी। इस पर एनजीटी ने कहा कि केंद्र सरकार के नुमाइंदें भी दिल्ली में ही रहते हैं। मुख्य सचिव को अथॉरिटीज के साथ बैठक करने के लिए कहा था। उस बैठक में क्या हुआ। उधर, दिल्ली सरकार ने कहा कि बैठक हुई है अगली सुनवाई पर रिपोर्ट दें देंगे।
सिर्फ पराली की वजह से नहीं यह स्थिति
दिल्ली सरकार के वकील ने नासा के फोटो का हवाला देते हुए कहा कि राजधानी में दीवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने का कारण हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में जलाई जा रही पराली है। इस पर एनजीटी ने कहा कि यह केवल पराली की वजह से नहीं है। दिल्ली में तो कोई पराली जलाई नहीं जाती है और इन दिनों हवा नहीं है ऐसे में पड़ोसी राज्यों से स्मॉग नहीं आ रहा। इस मौके पर पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के पर्यावरण व शहरी विकास सचिव मौजूद रहे। मामले की अगली सुनवाई 8 नंवबर को होगी।
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अन्य कारणों पर भी ध्यान दें
एनजीटी ने सिविक एजेंसियों को वायु प्रदूषण के तीन अन्य कारणों धुल, कूड़ा जलाने व निर्माण सामग्री समेत वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर भी काम करने को कहा है। आप लोगों को पता है कि लैंडफिल साइटों पर हर दिन कूड़े के पहाड़ जलाए जा रहे हैं। यही लोगों को मारने के लिए काफी है। आप लोग इस मुद्दे पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें और उन पर कार्रवाई करें।
प्रदूषण के कारण आज बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल
दिल्ली में प्रदूषण के चलते शनिवार को तीनों नगर निगमों के स्कूल बंद रहेंगे। साथ ही शिक्षक-अभिभावक बैठक भी स्थगित कर दी गई है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन के नेता सुभाष आर्य ने बताया कि यह निर्देश निगम के स्कूलों और निगम द्वारा मदद प्राप्त स्कूलों के लिए जारी किया गया है। लेकिन बाकी स्कूल भी इस पर अमल कर सकते हैं।
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