अब धीरे-धीरे मौसम बदलेगा अपनी चाल, होने लगा ठंडक का एहसास
दिल्ली के प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि दिल्ली के हल्की धुंध और ठंड पड़नी शुरू हो ही गई है। ठिठुरन वाली ठंड पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। मौसमी उतार चढ़ाव के बीच मौसम अब धीरे-धीरे अपनी चाल बदलेगा। नमी बढ़ने से सुबह के समय धुंध की चादर थोड़ी मोटी होगी तो सुबह-शाम का तापमान भी गिरना शुरू हो जाएगा। हालांकि ठंडक का एहसास तो दिल्ली वासियों को होने ही लगा है।
बदल गया है हवा का रूख
यूं तो कार्तिक मास गुलाबी जाड़े के लिए ही जाना जाता है, लेकिन उत्तर पश्चिम दिशा से चल रही सूखी हवा के कारण दिवाली तक ज्यादा ठंड का एहसास नहीं हुआ। जबकि अब हवा का रूख बदलकर दक्षिणी पूर्वी हो गया है। इस हवा के साथ वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ रही है। तापमान में भी गिरावट आ रही है।
मंगलवार को ही अधिकतम तापमान जहां 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया वहीं न्यूनतम तापमान 17.8 डिग्री सेल्सियस रहा। नमी की मात्रा अधिकतम 83 फीसद जबकि न्यूनतम 30 फीसद रही। इस नमी की ही वजह से सुबह के समय अब धुंध भी थोड़ा बढ़ना शुरू होगी। अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान भी थोड़ा गिरकर 32 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम पारा घटकर 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास आ जाएगा।
नवंबर से ही पड़ेगी सर्दी
हालांकि ठीकठाक सर्दी नवंबर से ही पड़ेगी। सुबह और शाम ठंडक बढ़ेगी तो दिन में भी धूप अच्छी लगने लगेगी। अधिकतम तापमान 25 जबकि न्यूनतम तापमान 14-15 डिग्री सेल्सियस के करीब आ जाएगा। जहां तक कड़ाके की ठंड का सवाल है तो उसके लिए दिसंबर और जनवरी का ही इंतजार करना होगा।
ठिठुरन वाली ठंड पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है
दिल्ली के प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि दिल्ली के हल्की धुंध और ठंड पड़नी शुरू हो ही गई है। ठिठुरन वाली ठंड पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है। हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर के मौसम का भी दिल्ली पर सीधा असर पड़ता है।
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